Thursday, January 23, 2025

Bihar: IT मंत्री बोले- हमारी पार्टी धीरे-धीरे बढ़ रही, एक दिन चार से 40 होंगे’, राहुल-तेजस्वी पर क्या बोल गए

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Gaya News: मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हैं कि आप हमें कम से कम 20 सीट दीजिए, तो आपकी बातों को प्रभावी ढंग से उठाएंगे और उसे लागू कराने की कोशिश करेंगे। पढ़ें पूरी खबर…।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के 20 सीट वाले बयान पर आईटी मंत्री संतोष कुमार सुमन ने सफाई दी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनका (जीतन राम मांझी) कहना है कि हमने पार्टी बनाई है, धीरे–धीरे हम लोग बढ़ रहे हैं। एक दिन हम चार से 40 होंगे। जिस दिन हम 40 होंगे, उस दिन कुछ और काम करेंगे। अगर 40 नहीं भी हुआ, कम से कम 20 हुआ तो जो आपकी समस्या है, उसको प्रभावी ढंग से कार्य कराएंगे। अभी भी काम हो रहा है।

मंत्री संतोष सुमन ने आगे कहा कि वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं। मीडिया में चलाया जा रहा है कि 20 सीटों की डिमांड की है, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हैं कि आप हमें कम से कम 20 सीट दीजिए, तो आपकी बातों को प्रभावी ढंग से उठाएंगे और उसे लागू कराने की कोशिश करेंगे। उनका कहने का मतलब सिर्फ यही है। कोई डिमांड नहीं है। कभी ऐसा नहीं कहा है कि इतना सीट नहीं मिलेगा तो हम यह करें

एनडीए गठबंधन से बैठकर होंगी बातें’संतोष कुमार सुमन ने कहा कि एनडीए के गठबंधन के साथ हैं। एनडीए के गठबंधन में जो सीट शेयरिंग की बात होती है, वह बैठकर होती है। सभी घटक दलों के बीच में होती है। मीडिया में यह बात नहीं होती है और यह बात मीडिया में आनी भी नहीं चाहिए। यह फिजूल बातें हैं। मसाला बनाकर इसे मीडिया में डाला गया है। टीआरपी और प्रोपेगेंडा के लिए ऐसा किया जाता है। जीतन राम मांझी बेबाक बोलते हैं, लेकिन उनकी कभी ऐसी मंशा नहीं रही है।

सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहा है विकास
बिहार के आईटी मंत्री ने कहा कि हम कभी नहीं चाहते हैं कि एनडीए से अलग हों। एनडीए का मतलब विकास, विश्वास, शांति होता है। बिहार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है। बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि के क्षेत्रों में विकास हो रहा है। सभी का बजट बढ़ा है।

तेजस्वी हास्यास्पद बातें करते हैं
तेजस्वी यादव पर उन्होंने कहा कि अब उन विकास के कार्यों को कैच करने चले हैं। कुछ समय डिप्टी सीएम बनने का मौका मिल गया था। अब वह कह रहे हैं हमने रोजगार और नौकरी दी है, तो इस तरह की हास्यास्पद बात करते हैं। हम जनता के प्रति उत्तरदायी हैं, जो कार्य होता है सीएम के द्वारा किया जाता है। तेजस्वी यादव के विवेक पर तरस आता है कि इस तरह की बातें बोल रहे हैं। बिहार को लीड कर सीएम बनने का सोच रहे हैं और यह छोटी बात समझ में नहीं आती है।

ये बिहार का विकास नहीं, कर सकते हैं विनाश
वहीं, उन्होंने कहा कि ये बिहार का विकास नहीं, विनाश कर सकते हैं। इनसे बिहार के लोगों को बच कर रहना चाहिए। एनडीए पूरी तरह इंटेक्ट है। 2025 के चुनाव में एनडीए का 225 का टारगेट है, उससे ज्यादा हम लाएंगे और विपक्ष का नामोनिशान मिटा देंगे।

ज्यादा सीट मिले, हर पार्टी की होती है उम्मीद
जीतन राम मांझी ने बयान दिया था कि कार्यकर्ताओं की 40 सीट की मांग हैं और हमें 20 सीट की मांग की है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हर पार्टी की डिमांड होती है। कार्यकर्ता उत्साहित होते हैं। उत्साह और लगन से करते हैं, तभी कार्यकर्ता आउटपुट देते हैं। कार्यकर्ताओं की अपनी महत्वाकांक्षा होती है। पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ेगी तो तभी कार्यकर्ताओं को मिलेगा। कार्यकर्ताओं की मांग सही है। 243 सीटे हैं, हम लोग पांच हैं तो निश्चित है सामंजस्य बिठाकर सभी हिसाब से सीट शेयरिंग होती है। लेकिन यह सवाल अभी जायज नहीं है। समय आने पर बैठक कर रखी जाती है। सभी पार्टी की अपनी-अपनी डिमांड होती है। सभी पार्टी की बातों को सुना जाता है। यह सब सहानुभूति तरीके से हो जाएगा समय आने पर।

राहुल गांधी को मिला है उल्टा ज्ञान
राहुल गांधी द्वारा जातीय जनगणना को फर्जी बताए जाने पर आईटी मंत्री ने कहा कि वह तो बिहार कभी-कभी आते हैं। बिहार ज्ञान की भूमि है, तो उन्हें थोड़ा उल्टा ज्ञान मिल गया है। एक ज्ञानी पुरुष होता है, जो सही काम में उपयोग करता है। कोई गलत काम में उपयोग करता है। जिस समय नीतीश कुमार द्वारा जातीय जनगणना की बात कही गई थी। उस समय राहुल गांधी नीतीश कुमार के साथ में ही थे। अब उनको ज्ञान आ गया है। नीतीश कुमार ने आरक्षण का हक बढ़ाया है। महिलाओं को अधिकार दिलाए हैं। पिछड़ों, अति पिछड़ों को सभी वर्गों को काम करने का मौका मिला है। सर्वेक्षण सही हुआ है। राहुल गांधी को अभी बहुत राजनीतिक पहचान और पकड़ बनानी है और समझ बनानी है। जैसे तेजस्वी यादव हैं, वैसे ही राहुल गांधी हैं, धीरे-धीरे सीख जाएंगे। संघर्ष से ही सीखते हैं। राहुल और तेजस्वी 10 साल में सीखेंगे, तब जाकर परिपक्व होंगे। तब जनता विश्वास करेगी, अभी कोई बात नहीं है। अभी उनका सपना है, वह देखने दीजिए।

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