अंबाला। अंबाला का साइंस उद्योग और मिक्सी उद्योग सूक्ष्म और लघु कुटीर उद्याेग (एमएसएमई) के तहत आता है। इस बजट में एमएसएमई के लिए केंद्रीय बजट में कई प्रावधान जोड़े हैं।
ऐसे में सरकार के बजट से अंबाला के उद्योगपति कुछ हद तक संतुष्ट नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अच्छी पहल की है। इसके साथ ही टैक्स में राहत देकर भी अच्छा काम किया है। यह कार्य पहले के बजट में ही हो जाना चाहिए था मगर देर आए दुरुस्त आए।
कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने अच्छे प्रावधान एमएसएमई के लिए किए हैं मगर यह ध्यान देने वाली बात है कि कहीं यह योजनाएं कागजों तक ही सिमट कर न रह जाएं, क्योंकि एमएसएमई में कई योजनाएं पहले भी आई हैं मगर धरातल पर उनकी जानकारी बहुत कम कारोबारियों को होती है।
मंत्री ने सुनी थी असीमा की आवाज
बजट से पहले अंबाला साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (असीमा) के पदाधिकारियों को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली बुलाया गया था। इसमें अंबाला के साइंस कारोबारियों ने जीएसटी को 18 प्रतिशत से पांच प्रतिशत करने की मांग की थी। इसके साथ ही एनसीईआरटी में साइंस उपकरणों की खरीद को जेम पोर्टल के माध्यम से करने का निवेदन किया था। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगों पर आधारित स्थानीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कोर्स संचालित करने की मांग उठाई थी।
छोटे व्यापारियों को मिलेगी मदद
अंबाला साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (असीमा) के प्रधान विक्रम चौधरी ने बताया कि छोटे उद्याेगों को विशेष क्रेडिट कार्ड मिलने से छोटे व्यापारियों को काम करने में आसानी होगी। अंबाला में साइंस उद्योग से जुड़ी कई छोटी इकाइयां भी हैं। इस क्रेडिट कार्ड के मिलने से उन्हें अपने काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
महिलाओं-उद्यमियों को बढ़ावा देना अच्छा कदम
असीमा के उपाध्यक्ष सौरभ नागपाल ने बताया कि लोन गारंटी कवर पांच करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया है। इसके साथ ही महिला उद्यमियों को सरकार बढ़ा रही है। यह अच्छा कदम है। इसकी सभी को सराहना करनी चाहिए। इसके साथ सरकार के विभागों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गारंटी कवर लोगों तक पहुंचे।
योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान देने की जरूरत
असीमा के महासचिव गौरव सोनी बताते हैं कि सूक्ष्म उद्यमों को बजट में बढ़ावा दिया जा रहा है। उनके लिए आसान ऋण की व्यवस्था की जा रही है। मगर यह ध्यान देने वाली बात है कि कई बार बैंकों में जाने पर ऋण नहीं मिल पता है। कारोबारियाें बैंक द्वारा कहा जाता है कि ऋण के एवज में कोई संपत्ति गिरवी रखिए। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।