Sunday, March 30, 2025

Adani Group के शेयरों की खूब हो रही खरीदारी…15 दिनों में 40 हजार करोड़ मार्केट कैप बढ़ा

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अडाणी ग्रुप के शेयरों ने 15 दिनों में 40,000 करोड़ रुपये जोड़े है, जिसे गौतम अडाणी की संपत्ति में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

नई दिल्ली: अडाणी समूह के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है. पिछले 15 दिनों में इनके बाजार पूंजीकरण में करीब 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. अडाणी एंटरप्राइजेज को छोड़कर समूह के सभी शेयरों में गुरुवार को बढ़त दर्ज की गई. जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उछाल दिखाता है. बता दें कि आज हुरुन वर्ल्ड रिच लिस्ट जारी हुई है. इस लिस्ट में गौतम अडाणी भारत में सबसे अधिक लाभ कमाने वाले के रूप में उभरे हैं.

संपत्ति में इजाफा के बावजूद अंबानी से पीछे
अडाणी की संपत्ति में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई, फिर भी मुकेश अंबानी से पीछे हैं. मुकेश अंबानी ने एशिया के सबसे धनी व्यक्ति का खिताब अपने नाम किया रखा है. हालांकि आरआईएल के खराब प्रदर्शन के कारण अपनी संपत्ति को हुए नुकसान के बाद अंबानी दुनिया के शीर्ष 10 सबसे धनी लोगों की सूची से बाहर हो गए. गौतम अडाणी की संपत्ति 2024 में 13 फीसदी बढ़ी, जिससे वे भारत में टॉप तीन में शामिल हो गए.
अडानी की संपत्ति में उछाल
अडानी की संपत्ति में उछाल तब आया जब समूह के शेयरों में वित्त वर्ष 25 में व्यापक गिरावट आई. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार अडाणी के शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 25 में 21 फीसदी या 3.4 लाख करोड़ रुपये घट गया. गुरुवार को अडाणी समूह के अधिकांश शेयरों में इस रिपोर्ट के कारण तेजी आई कि समूह दिवालियेपन प्रक्रिया के माध्यम से जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) में गहरी रुचि दिखा रहा है.

एक रिपोर्ट के अनुसार अडाणी समूह ने दिवालिया JAL का अधिग्रहण करने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) प्रस्तुत की है. पिछले कुछ सालों में अडाणी समूह को वित्तीय कदाचार से लेकर स्टॉक हेरफेर तक कई विवादों का सामना करना पड़ा है. रिपोर्टों में आरोप लगाया गया कि अडाणी ने राजस्व बढ़ाने और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए टैक्स हेवन में कंपनियों के जाल का इस्तेमाल किया.

समूह ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. इसके अलावा अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति और विनिमय आयोग अडाणी के अमेरिकी निवेशकों के साथ संचार की जांच कर रहे हैं, जिससे समूह के अंतरराष्ट्रीय संचालन और भी जटिल हो गए हैं. इन विवादों के कारण अडाणी के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव आया है और भारत में कॉर्पोरेट प्रशासन और विनियामक निगरानी के बारे में व्यापक सवाल उठे हैं. समूह ने कई तरह के आउटरीच पहलों सहित अलग-अलग तरीकों से निवेशकों के डर को दूर करने की कोशिश की है.

Gautam Adani

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