गोड्डा: प्रयागराज महाकुंभ में हुए भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. इनमें झारखंड के भी दो लोग शामिल हैं. इस भगदड़ के बाद कई लोग लापता भी हैं. जब भगदड़ हुई इस वक्त कैसा मंजर था. इसका आंखों देखा हाल वहां से लौटी पुरनी देवी ने बताया.
प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाकर लौटी पुरनी देवी ने बताया कि वे अपने परिवार के 9 सदस्यों के साथ संगम में डुबकी लगाने गई थी. उन्होंने बताया कि वे सोमवार को ही कुंभ मेले में पहुंच गए थे और उन्होंने मंगलवार को स्नान किया. लेकिन क्योंकि दूसरे दिन मौनी अमावस्या थी इसलिए वे एक और दिन रुक गए. मौनी अमावस्या के दिन जब वे स्नान कर के बाहर निकले ही थे कि भगदड़ मच गई. सब कुछ उनके सामने घटित हो रहा था.
कुंभ से लौटी पुरनी देवी ने बताया कि वे लोग संगम में स्नान कर निकले ही थे कि अचानक लोगों की भीड़ भागती हुई दिखी. इस दौरान उनके पति ने उनका हाथ खींच कर उन्हें किनारे किया. इसके बाद एक दम से अफरा तफरी मच गई लोग गिरने पड़ने लगे. उन्होने बताया कि लोगों से लगातार आह्वान किया जा रहा था कि शांतिपूर्ण तरीके निर्धारित रास्ते से स्नान करने जाए लेकिन जाएं. उन्होने खुद को भाग्यशाली बताते हुए कहा कि ऊपर वाले की कृपा है कि वे पूरे परिवार के साथ सुरक्षित वापस लौट अपने घर लौट आईं.
कब मची भगदड़
कुंभ मेले में भगदड़ उस वक्त मची जब मौनी अमावस्या होने के कारण संगम तट पर भारी भीड़ जमा हो गई. माना जा रहा है कि उस वक्त करोड़ों की संख्या में लोग मेले में पहुंच गई. सभी लोग मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करना चाहते थे. लेकिन इसी दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और उसने भयंकर हादसे का रूप ले लिया. इस हादसे में सरकार के दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 30 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गई. इस हादसे के बाद कई लोग लापता हो गए जिनका अभी तक पता नहीं चला है. परिजन अब भी अपने खोए हुए लोगों को तलाश रहे हैं.