खूंटी: जिले के सबसे बड़े साप्ताहिक बाजार मारंगहदा में पुलिस ने लोगों को अफीम के प्रति जागरूक करने के लिए चॉकलेट अभियान चलाया और इसके दुष्प्रभाव के साथ कानूनी जानकारी भी दी. मारंगहदा थाना प्रभारी शंकर विश्वकर्मा के नेतृत्व में बाजार में यह अभियान चल रहा है. यह इलाका कभी नक्सलियों का ठिकाना हुआ करता था लेकिन आज यह अफीम का केंद्र माना जाता है.
जिले के खूंटी, अड़की, सायको, मुरहू और मारंगहदा थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती रही है. एक तरफ पुलिस प्रशासन खेतों में लगी फसलों को नष्ट करने का अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी तरफ एक टीम जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अवैध अफीम की खेती छोड़कर वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है. बाजारों में नुक्कड़ नाटक से लेकर वाहनों में लाउडस्पीकर के जरिए इसके दुष्प्रभाव और कानूनी जानकारी दी जा रही है. इस अभियान के दौरान शनिवार को मारंगहदा मुख्य बाजार में मारंगहदा थाना प्रभारी के नेतृत्व में बाजार वासियों एवं खरीददारी करने वालों को चॉकलेट देकर अफीम से दूर रहने का अनुरोध किया गया.
चॉकलेट के रैपर पर अफीम के खिलाफ स्लोगन लिखा हुआ है. रैपर पर स्लोगन के साथ लिखा है, “अफीम की खेती करना कानूनन अपराध है, संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तारी होगी, पकड़े जाने पर 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा होगी” तथा “एनडीपीएस एक्ट के तहत संपत्ति जब्त की जाएगी”.
डीएसपी वरुण रजक ने बताया कि पंपलेट एवं पोस्टर बांटकर लोगों को जागरूक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह अनूठी पहल है. इस पहल के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को बताया जा रहा है कि अफीम जैसे मादक पदार्थ के खेतों की जगह वैकल्पिक खेतों को चुनें और भयमुक्त वातावरण में रहें. चॉकलेट बांटकर लोगों को जागरूक करना ही मुख्य उद्देश्य है.
डीएसपी ने बताया कि अफीम की खेती करने वालों से लेकर संरक्षण करने वालों तक सभी को पूर्व में अफीम नष्ट करने को कहा गया है और उनकी पहचान भी की गई है. जो लोग खुद फसल नष्ट नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. साथ ही जिन जमीनों पर पुलिस फसल नष्ट कर रही है, वहां के जीआर और रैयतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही उन रैयतों को गिरफ्तार किया जाएगा, जिनकी अफीम की खेती को पुलिस ने नष्ट किया है.