Makhana Board: मखाना किंग ने कहा कि 2025 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है। यह काफी अच्छी पहल है। मैं पिछले 10 साल प्रयास कर रहा था कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन हो। आज अंतत: इसकी घोषणा हो गई।
केंद्रीय बजट में बिहार को कई सौगातें दी गई हैं। इस बार के बजट में बिहार के लिए कई योजनाएं तो आई ही, कोसी-मिथिला क्षेत्र को राहत देने की खबर भी इस बजट के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दी। मिथिलांचल-कोसी की पहचान ‘मखाना’ से जुड़ी एक बड़ी घोषणा केंद्रीय बजट में की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि बिहार में मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। अबतक कोसी-मिथिलांचल में मखाना उत्पादन करने वाले किसानों के लिए बाजार का पूरा सिस्टम नहीं है। इस बोर्ड के जरिए मखाना किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि मखाना (फॉक्स नट) के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा, ‘मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण सहायता और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जाएगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
मखाना उद्योग को शिखर पर ले जाने में अहम भूमिका इधर, मखाना बोर्ड के गठन की खबर से बिहार उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है। ‘अमर उजाला’ ने मखाना किंग सत्यजीत सिंह ने इस मामले पर बातचीत। आइए जानते हैं उन्होंने क्या-क्या कहा? मखाना किंग ने कहा कि 2025 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है। यह काफी अच्छी पहल है। मैं पिछले 10 साल प्रयास कर रहा था कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन हो। आज अंतत: इसकी घोषणा हो गई। यह मखाना उद्योग को शिखर पर ले जाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इससे मखाना के प्रोडक्सन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में अहम योगदान होगा। इससे बिहार के आठ जिले (दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज) के अलावा बंगाल, असम और यूपी के उन जिलों में फायदा होगा, जहां मखाने की खेती होती है। बोर्ड के बनने से मखाना से जुड़े लोग एक मंच पर आ जाएंगे। कीमतों में अंतर नहीं होगी। किसानों को उचित मूल्य मिलेगा।
मखाना बोर्ड के निर्माण से यह सात फायदे हो सकते हैं…
- मखाना बोर्ड के निर्माण से मखाना उत्पादन में वृद्धि हो सकती है, इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से मखाना प्रसंस्करण में सुधार हो सकता है, इससे मखाना की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से मखाना निर्यात में वृद्धि हो सकती है, इससे देश की अर्थव्यवस्था में योगदान होगा।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं, इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है, इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से मखाना की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, इससे उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाला मखाना मिलेगा।
- मखाना बोर्ड के निर्माण से मखाना उद्योग के विकास में योगदान हो सकता है, इससे उद्योग की वृद्धि होगी।
हर साल लगभग दो लाख टन मखाना निर्यात किया जाता
मखाना किंग सत्यजीत सिंह ने बताया कि बिहार मखाना का प्रमुख उत्पादक राज्य है। यहां देश के कुल मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है। मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार जैसे जिले मखाना की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। बिहार मखाना का निर्यात अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान और इंग्लैंड जैसे देशों में किया जाता है, और हर साल लगभग दो लाख टन मखाना निर्यात किया जाता है।