मुंबई: प्रयागराज महाकुंभ के बीच किन्नर अखाड़े ने बड़ा एक्शन लेते हुए हाल ही में महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी को इस पद से हटा दिया है. उनके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से बाहर कर दिया गया है. किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने फिर से अखाड़े का पुनर्गठन किया है. पूर्व एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने कुछ दिन पहले ही प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में संन्यास लिया था.
नियमों के उल्लंघन का आरोप: किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजयदास ने कार्रवाई करते हुए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर नियमों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया. शुक्रवार को अजयदास ने अखाड़े के पुनर्गठन की योजना की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नए आचार्य महामंडलेश्वर की नियुक्ति की जाएगी.
महामंडलेश्वर पद देने पर उठे सवाल: इस महीने की शुरुआत में ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के संगम घाट पर पिंडदान किया था. इसके कुछ समय बाद लक्ष्मी नारायण ने घोषणा कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया. उनका ये निर्णय कई लोगों को पसंद नहीं आया. बाबा रामदेव समेत कुछ हस्तियों ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि देने पर सवाल उठाए.
ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर ममता कुलकर्णी की नियुक्ति पर शक जाहिर किया था. हिमांगी सखी ने कुलकर्णी के पिछले विवादों की ओर इशारा करते हुए इस फैसले पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा, ‘ममता कुलकर्णी को प्रचार के लिए किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया है. सभी उनके अतीत के बारे में जानते हैं, वह पहले भी ड्रग मामले में जेल जा चुकी हैं. अचानक वह भारत आती हैं, महाकुंभ में हिस्सा लेती हैं और उन्हें महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए’.
इन 5 बातों की वजह से छिना महामंडलेश्वर का पद
1. संन्यासी बनने से पहले ही महामंडलेश्वर पद दिए जाने से विवाद हुआ
2. लोगों को इस बात से आपत्ति हुई कि 90 के दशक में वे फिल्मों में वे काफी बोल्ड थीं.
3. ममता कुलकर्णी का नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़ने का आरोप.
4. बिना मुंडन संस्कार के महामंडलेश्वर बनना
5. किन्नर अखाड़े के नियमों के अनुरुप वैजंती माला ना पहनना.