Thursday, January 30, 2025

Mauni Amavasya 2025 Live: त्रिवेणी योग में मौनी अमावस्या आज, दूसरे अमृत स्नान पर करोड़ों लाएंगे आस्था की डुबकी

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Mauni Amavasya 2025 Snan Muhurat in Hindi: मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गये पाप धुल जाते हैं। मां गंगा की कृपा भी भक्तों पर बरसती है। कुंडली में शामिल अशुभ ग्रहों से मुक्ति मिलती है। इस बार माघी अमावस्या पर कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। आइए जानें इस दिन स्नान, दान और तप का महत्व।

मौनी अमावस्या पर करें तिल का दानमौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें और इसके बाद श्रद्धापूर्वक काले तिल का दान करें। माना जाता है कि तिल का दान करने से मृत्यु के बाद बैकुंठ में स्थान मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है।

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें ?

  • मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान जरूर करें। 
  • मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और मां गंगा की पूजा करें। 
  • मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत या उपवास जरूर रखें 
  • मौनी अमावस्या के दिन शाम में तुलसी के पास घी का दीया जलाएं। 
  • मौनी अमावस्या के दिन अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान जरूर करें। 
  • मौनी अमावस्या के दिन सूर्य देव को जल अर्घ्य जरूर दें। 
  • मौनी अमावस्या पर ‘ॐ पितृ देवतायै नम:’ मंत्र का 11 बार जाप करें। 

मौनी अमावस्या पर दीपक जलाने की विधि

मौनी अमावस्या की शाम मिट्टी का दीपक लें और उसे पानी से धोकर सूखा लें। दीपक में सरसों या तिल का तेल डालें और उसमें बाती लगाकर जलाएं। दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें, क्योंकि इसे पितरों की दिशा माना जाता है। दीपक को पूरी रात जलने दें। यदि घर में पितरों की तस्वीर है, तो उसके पास भी दीपक जलाया जा सकता है।

मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितर पृथ्वी पर आते हैं। इस दिन वे अपने वंशजों से तर्पण और दान की अपेक्षा करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। शाम को जब पितर अपने लोक लौटते हैं, तो उनके मार्ग को रोशन करने के लिए दीपक जलाया जाता है। ऐसा करने से पितर संतुष्ट होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

पितृ दोष को समाप्त करने के लिए माघ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करें। इसके साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाएं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन देवी-देवता और पितृ गंगा में स्नान करते आते हैं। ऐसे में आप मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और पूर्वज प्रसन्न होते हैं। 

मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाने की विधिपहली डुबकी: पहली डुबकी लगाने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्नान करें। इससे पहले गंगा, यमुना, सरस्वती और जल देवता को प्रणाम करना चाहिए। यह डुबकी आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

दूसरी डुबकी: दूसरी डुबकी भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके लगानी चाहिए। इसे लगाने से कुल देवता और इष्ट देवता की कृपा प्राप्त होती है।

तीसरी डुबकी: तीसरी डुबकी उत्तर दिशा की ओर मुख करके लगानी चाहिए। इससे भगवान शिव, माता पार्वती, सप्त ऋषियों और गुरुओं का आशीर्वाद मिलता है।

29-Jan-2025मौनी अमावस्या पर जरूर लगाएं 5 डुबकीधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान और उसके बाद दान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। आज महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी है, जो आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। महाकुंभ में स्नान के दौरान पांच डुबकी लगाने का विशेष महत्व बताया गया है। इसमें प्रत्येक डुबकी का अपना अलग महत्व और विधि है।

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का पर्व है और इस दिन प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व होता है। इस समय लोग प्रयागराज के संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए लगातार यात्रा कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में लोग गंगा में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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