Thursday, January 23, 2025

ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी/ एसटी एक्ट मामला : कोर्ट ने मुख्यमंत्री के जवाब पर ईडी के वरिष्ठ अधिकारी देवव्रत झा को अपना प्रतिउत्तर देने के लिए दिया  समय!

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रांची न्यूज़ : खंड के सीएम हेमंत सोरेन द्वारा दायर शिकायत पर एड के अधिकारियों के खिलाफ एससी/ एसटी एक्ट मैं दर्ज फिर को सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करने वाली ईडी की याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को हुई। मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रति वादी सीएम हेमंत सोरेन के जवाब ( प्रति शपथ पत्र ) पर ईडी के वरिष्ठ अधिकारी देवव्रत झा को अपना प्रतिउत्तर देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 3 सप्ताह के बाद होगी।ईडी की ओर से अधिवक्ता एके दास और सौरभ कुमार ने पैरवी की। के वरिष्ठ अधिकारी देवव्रत झा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंडा पुलिस द्वारा ईडी के अधिकारियों को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है इसलिए मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौपा जाए।

हालांकि पूर्व में भी ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी /एसटी एक्ट के तहत प्राथमिक को चुनौती देने वाली आईडी के अधिकारियों की कपील राज एवं अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को गोंडा पुलिस द्वारा 41ए के तहत दिए गए नोट पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। कोर्ट ने एड अधिकारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा था।

बता दे कि यह एफआईआर झारखंड पुलिस द्वारा एससी /एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी/ एसटी पुलिस थाना में दर्ज की गई है। यह एफआईआर हेमंत सोरेन की दिल्ली आवास पर इडी द्वारा की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत लेकर की गई है। एफआईआर में एड के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन की आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर मे ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम भी शामिल। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी की तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को प् परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया है।ईडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी ली की जिससे जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाए।

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