Monday, January 27, 2025

Bihar: किशनगंज में शुरू हुआ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला खगड़ा, राजस्व मंत्री ने किया भव्य उद्घाटन

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Kishanganj News: राजस्व मंत्री ने अपने संबोधन में खगड़ा मेले की ऐतिहासिकता और सामाजिक महत्व पर जोर दिया। वहीं, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि यह मेला किशनगंज के लिए गर्व का विषय है। पढ़ें पूरी खबर…।

एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और ऐतिहासिक खगड़ा पशु मेला किशनगंज जिले में धूमधाम के साथ शुरू हो चुका है। भूमि सुधार सह राजस्व मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल, जिलाधिकारी विशाल राज और पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। इस आयोजन के साथ क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है


इतिहास में दर्ज है खगड़ा मेले का गौरवजानकारी के मुताबिक, खगड़ा पशु मेले का इतिहास लगभग 140 साल पुराना है। इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान 1883 में नवाब सैयद जैनुदीन हुसैन मिर्जा द्वारा किया गया था। आजादी के बाद, 1952 में यह मेला प्रशासन के अधीन आ गया। 2024 में इसे तत्कालीन जिलाधिकारी तुषार सिंगला द्वारा राजकीय मेला घोषित किया गया, जो मेले के महत्व और परंपरा को और भी सुदृढ़ करता है।

1.33 करोड़ के खर्च में हुआ बंदोबस्तइस वर्ष खगड़ा मेले का डाक 1.33 करोड़ रुपये में हुआ है। मेला आयोजकों और प्रशासन ने इसे अधिक आकर्षक और भव्य बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इस बार मेले में झूले, सर्कस, थियेटर, खान-पान स्टॉल, खिलौने और अन्य मनोरंजक गतिविधियों की भरमार है। वहीं, मेले में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन के सहयोग से पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

दीप प्रज्वलन और फीता काटकर हुआ उद्घाटनमंत्री दिलीप कुमार जायसवाल और अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और फीता काटकर की। मंत्री ने अपने संबोधन में खगड़ा मेले की ऐतिहासिकता और सामाजिक महत्व पर जोर दिया। भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि यह मेला किशनगंज के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में पारंपरिक मेले के अस्तित्व को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन इस बार मेला बेहद भव्य रूप से आयोजित किया गया है, जिससे इसकी पहचान और भी मजबूत होगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को देता है बढ़ावाखगड़ा मेला न केवल मनोरंजन और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करता है। हजारों व्यापारी, किसान और पशुपालक यहां आते हैं। पशुओं की खरीद-बिक्री के साथ, विभिन्न स्टॉल और व्यापारिक गतिविधियां यहां के लोगों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत बनती हैं। मेले का समापन विभिन्न पुरस्कार वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया जाएगा। स्थानीय कलाकारों और युवाओं के लिए यह मेला अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मंच बनता है।

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