पिछले कुछ दिनों से आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर हैं. भारत सरकार ने पिछले सप्ताह ही इसे स्वीकार करने की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा. इस खबर से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उत्साह का माहौल है. इससे 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा. नया वेतन आयोग न सिर्फ कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करेगा, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आएगा.
पेंशन में होगी भारी बढ़ोत नियंत्रक संचार लेखा के मुताबिक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई थी. बता दें कि सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके अनुसार से आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 करने की बात चल रही है. यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम पेंशन 25,740 रुपये प्रति माह तक बढ़ सकती है, जो कि 186% की वृद्धि होगी.
महंगाई भत्ते का क्या होगा?
पेंशनभोगियों को महंगाई के प्रभाव से बचाने के लिए महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) दिया जाता है, जो वर्तमान में बेसिक पेंशन का 53% है. यह दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर साल में दो बार संशोधित की जाती है – 1 जनवरी और 1 जुलाई को. उदाहरण के लिए, यदि किसी पेंशनभोगी की बेसिक पेंशन 10,000 रुपये है, तो DR जोड़ने के बाद यह 15,300 रुपये हो जाती है.
अब सवाल यह है कि जब आठवां वेतन आयोग लागू हो जाएगा और रिवाइज्ड सैलरी और पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी, तो क्या महंगाई भत्ता जारी रहेगा या इसे शून्य कर दिया जाएगा? चर्चाओं के अनुसार, यदि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से पहले लागू होती हैं, तो उस समय का मौजूदा डीए (Dearness Allowance) बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा और नया डीए शून्य से शुरू होगा.
आगे क्या होगा?
अभी जनवरी 2025 और जुलाई 2025 में दो बार और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की उम्मीद है. चूंकि अगला वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होगा, इसलिए संभावना है कि उस समय डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. हालांकि, यदि इसे लागू करने में देरी हुई तो सरकार डीए में एक और बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है, जिसके बाद डीए को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाएगा, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को रेट्रोस्पेक्टिव एडजस्टमेंट मिलेगा.