जम्मू: जम्मू-कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, छात्र संघ के नेताओं ने सोमवार शाम को बदहाल राजौरी के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय में एक कैंडल मार्च निकाला.
बता दें कि, 7 दिसंबर 2024 से लेकर 19 जनवरी 2025 तक अज्ञात कारणों से पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी है. कैंडल मार्च में सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया और चल रही जांच में न्याय और पारदर्शिता की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने पीड़ितों के सम्मान में मोमबत्तियां जलाईं. प्रदर्शनकारियों ने संदेश लिखी तख्तियां ले रखी थीं. विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शुरू हुआ जुलूस जम्मू विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में एक मौन सभा के साथ संपन्न हुआ.
कैंडल मार्च से इतर छात्र नेता बिलाल राशिद ने पत्रकारों से कहा कि, आज हम जम्मू विश्वविद्यालय में पिछले 40 दिनों में अपने 17 प्रियजनों को खोने वाले पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए हैं, लेकिन सरकार अभी भी इन मौतों के बारे में अनभिज्ञ है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
गौरतलब है कि राजौरी जिले के बुधाल गांव में पिछले 45 दिनों में रहस्यमयी बीमारी से तीन परिवारों के 13 बच्चों और चार वयस्कों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी है. तीनों परिवार एक-दूसरे से संबंधित हैं और एक-दूसरे से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर रहते हैं. बुधल गांव में रहस्यमयी मौतें 7 दिसंबर, 2024 को शुरू हुई थीं.
इन घटनाओं के जवाब में, सरकार ने “असामान्य बीमारी” जैसी दिखने वाली चीज के मूल कारण का पता लगाने के लिए कई उपाय करने का दावा किया. कई विशेषज्ञों ने क्षेत्र का दौरा किया, नमूने एकत्र किए, परीक्षण किए और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा शिविर लगाए. पुलिस ने इन मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल भी बनाया है.