Saturday, June 7, 2025

खूंटी में जिला प्रशासन ने कम उम्र में मां बाप बन रहे नाबालिग को मुख्यधारा में लाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की.

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खूंटी: ‘कम उम्र में बिन ब्याही मां’ बनने की ईटीवी भारत की प्रकाशित खबर के बाद, जिला प्रशासन लगातार बैठक कर रणनीति बना रहा है. खूंटी में कम उम्र में बन रहे माता पिता मामलों पर कैसे लगाम लगाई जाए? नाबालिगों को शिक्षा से कैसे जोड़ा जाए जैसे तमाम मुद्दों पर लगातार चर्चा की जा रही है.

बच्चों को बेहतर शिक्षा देने पर जोर

जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वाधान में चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट के सहयोग से डीआरडीए सभागार में बाल संरक्षण सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन तथा बाल अधिकारों के मुद्दों पर एक दिवसीय जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री सरकार ने बताया कि खूंटी के चाइल्ड प्रोटेक्शन से जुड़े प्रतिनिधि पंचायती राज पदाधिकारी, डीसीपीओ सहित एनजीओ कर्मी, प्रखंड प्रमुखों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई गई. इस दौरान बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.

चाइल्ड प्रोटेक्शन के नियमों पर चर्चा

बच्चे सुरक्षित रहें और अपने परिवार के साथ जुड़े रहे, चाइल्ड प्रोटेक्शन के नियमों के अनुकूल बच्चों को एक बेहतर माहौल देने सहित बच्चों के कम उम्र में माता पिता बनने के मामले पर प्रमुखता से चर्चा हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कम उम्र में माता पिता बन रहे बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनके भटकाव को रोका जाए.

सभी बच्चों को स्कूल से जोड़ने पर सहमति

कम उम्र में माता पिता बनने के मामले पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए प्रयास जारी है और प्रशासन इसमें सफलता हासिल करेगा. वहीं कार्यक्रम में मौजूद अन्य प्रतिनिधि ने भी जिले में कम उम्र में माता पिता बनने के मामले पर चिंता जताई और सबका मानना है कि जिले में शिक्षा के स्तर में कमी आई है. क्योंकि बच्चों में स्कूल को लेकर रूचि नहीं है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी हाल में बच्चों को स्कूल से जोड़कर उन्हें शिक्षित करें और भटके युवाओं सहित युवतियों को जागरूक कर उन्हें एक बेहतर माहौल देने पर जोर देने पर सहमति दी.

‘बाल संरक्षण इकाई के द्वारा बैठक आयोजित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. जिसमें बच्चों सहित वृद्ध व्यक्तियों को जागरूक करने की दिशा में बात हुई है. इसमें अनाथ बच्चों को भी चिन्हित करके, शिक्षा से जोड़ने की दिशा में पहल की गई है. बच्चे, स्कूल से जुड़ेंगे तो बच्चो में भटकाव नहीं होगा’डॉ. शिशिर कुमार सिंह, पंचायती राज पदाधिकारी

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