Saturday, June 7, 2025

झारखंड में हरिजन समाज की बदहाली को लेकर वित्त मंत्री ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है.

Share

रांचीः झारखंड के वित्त मंत्री सह कांग्रेस नेता राधाकृष्ण किशोर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. उन्होंने हरिजन समुदाय के साथ हो रही राजनीतिक नाइंसाफी का जिक्र करते हुए कुछ सुझाव दिए हैं.

वित्त मंत्री ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने हरिजन जातियों के साथ राजनीतिक दृष्टिकोष से ‘उपयोग करो और फेंक दो’ का सिद्धांत अपनाया है. उनकी दलील है कि गठन के बावजूद अनुसूचित जाति आयोग कभी क्रियाशिल नहीं हो पाया.
अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद का भी गठन हुआ, जो सरकार की संचिका में दबकर रह गया. इसलिए अनुसूचित जाति के हित को ध्यान में रखते हुए आयोग और परिषद को पुनर्जीवित करते हुए अधिसूचना जारी करने की जरुरत है. उन्होंने कहा है कि इसबार इंडिया गठबंधन की सरकार से हरिजन समाज के लोगों ने काफी उम्मीदें बांध रखी है.

2018 में बना एससी आयोग का कोई अस्तित्व नहीं

वित्त मंत्री का कहना है कि 2019 के विस चुनाव को देखते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2018 में एससी आयोग का गठन किया था. अध्यक्ष भी नियुक्त हो गये थे. लेकिन किसी भी पदाधिकारी का पदस्थापन नहीं किया गया. अब एससी आयोग तो अस्तित्व में है ही नहीं. गठन के बावजूद यह आयोग कभी क्रियाशिल रहा ही नहीं.

Finance Minister letter to CM Hemant Soren regarding plight of Harijan community in Jharkhand

एससी परामर्शदात्री परिषद भी संचिका में दब गई

वित्त मंत्री ने सीएम को बताया है कि 15 सितंबर 2008 को अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद का गठन किया गया था. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा समिति में 17 सदस्य भी थे. परामर्शदात्री परिषद की नियमावली भी बना दी गई थी. हरिजन समाज के लोग बहुत खुश थे. लेकिन 17 साल बीतने के बावजूद परामर्शदात्री परिषद आज तक अपने नियमित स्वरुप में नहीं आ पाया.

Finance Minister letter to CM Hemant Soren regarding plight of Harijan community in Jharkhand

वित्त मंत्री के मुताबिक राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या करीब 50 लाख है. हरिजन जाति के लोग सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़े हुए हैं. ज्यादातर भूमिहीन हैं. मजदूरी करते हैं. सफाई कर्मी, चर्मकार, भुईयां और मुसहर जाति की स्थिति आदिम जनजाति से भी बदतर है. महिलाएं और बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं. इनसे जुड़ी योजनाएं बकरी, मुर्गी और सूकर पालन तक सीमित हैं.

वित्त मंत्री ने अपने पत्र के साथ अनुसूचित जातियों के लिए राज्य आयोग अधिनियम 2018 से जुड़ी झारखंड गजट की कॉपी के साथ-साथ 15 सितंबर 2008 को कल्याण विभाग की ओर से एससी परामर्शदात्री परिषद के गठन से जुड़ी अधिसूचना की कॉपी भी साझा की है.

Read more

Local News