बकरीद 2025 कल 7 जून को मनायी जाएगी. यह मुस्लिम धर्मावलंबियों का एक बहुत बड़ा त्योहार है, जिसे पैगंबर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति इबादत और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. कल बकरीद के दिन सभी ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा की जाएगी. रांची ईदगाह में कल सुबह 9 बजे नमाज अदा की जाएगी. इससे पहले तकरीर शुरू होगी.
बकरीद (ईद-उल-अजहा) 2025 कल 7 जून को मनायी जाएगी. यह मुस्लिम धर्मावलंबियों का एक बहुत बड़ा त्योहार है, जिसे पैगंबर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति इबादत और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. कल बकरीद के दिन सभी ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा की जाएगी. राजधानी रांची की विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में आज जुमे की नमाज के बाद बकरीद की नमाज की घोषणा की जाएगी. हालांकि 1-2 मस्जिदों में बकरीद की नमाज की घोषणा हो गयी है.
बकरीद की नमाज का समय
रांची ईदगाह में कल सुबह 9 बजे नमाज अदा की जाएगी. इससे पहले तकरीर शुरू होगी. यहां मौलाना डॉ असगर मिसबाही नमाज अदा करायेंगे. वहीं डोरंडा ईदगाह में सुबह 8 बजे नमाज होगी, जहां मौलाना अलकमा शिबली नमाज अदा करायेंगे. बारिश होने की स्थिति में यह नमाज जैप वन स्थित जुमा मस्जिद में होगी. अन्य सभी मस्जिदों में आज नमाज के समय घोषणा की जायेगी.
क्यों मनाया जाता है ‘बकरीद’?
इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक ‘बकरीद’ को ‘कुर्बानी की ईद’ भी कहा जाता है. यह त्योहार हजरत इब्राहिम की उस परीक्षा की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने का इरादा बना लिया था, लेकिन फिर आखिरी वक्त पर अल्लाह ने उन्हें बेटे की कुर्बानी देने से रोका और एक जानवर कुर्बान करने का आदेश दिया. तब से इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख को इस्लाम धर्म के लोग ‘बकरीद’ मनाते हैं. इस दिन मुस्लिम धर्मावलंबी नमाज अदा कर जानवर की कुर्बानी देते हैं और गोश्त को जरूरतमंदों में बांटते हैं.