शिक्षा विभाग ने सरकारी शिक्षकों पर ट्यूशन पर रोक लगाते हुए बायोमीट्रिक हाजिरी, प्री-स्कूल की शुरुआत और समय पर किताबों की आपूर्ति जैसी कई नई पहल की घोषणा की है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए यह पहल की गई है. पढे़ं पूरी खबर…
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे. अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बातः हर शनिवार’ कार्यक्रम में कहा कि यदि कोई शिक्षक ट्यूशन पढ़ाता पाया गया या उसकी शिकायत मिली तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. ट्यूशन पर यह रोक स्कूल समय के दौरान ही नहीं बल्कि अन्य समय में भी सरकारी शिक्षकों पर लागू होगी. इसके साथ ही स्कूल अवधि में बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ने की भी सख्त हिदायत दी गई है.
बच्चों की भी लगेगी बायोमीट्रिक हाजिरी
गर्मी की छुट्टियों के बाद सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी जाएगी. इसका उद्देश्य छात्रों की उपस्थिति को सख्ती से सुनिश्चित करना है. शिक्षकों की भी हाजिरी अब बायोमीट्रिक पद्धति से होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लापरवाही पर रोक लगेगी.
प्री-स्कूल शुरू करने की योजना
सभी प्रारंभिक विद्यालयों में अब प्री-स्कूल चलाने की योजना बनाई जा रही है. चालीस बच्चे आंगनबाड़ी में पढ़ेंगे जबकि बाकी बच्चों की पढ़ाई प्री-स्कूल में होगी. वहीं, गर्मी की छुट्टी से पहले सभी बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. किताबों की छपाई प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है और अब नए सत्र की तैयारी एक माह पहले से शुरू हो जाएगी.
लाइब्रेरियन की भी होगी नियुक्ति
सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए खाली पड़े पदों की गिनती की जा रही है. अगले साल गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के लिए डांस, खेल और कला आधारित समर कैंप आयोजित करने की भी योजना बनाई जा रही है. इससे बच्चों की समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा.