पटना में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. जेल में गिरोह बनाकर ये बदमाश बाहर निकलने पर मर्डर करने के लिए निकले थे लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस ने इन बदमाशों को घेर लिया. एक बैंक मैनेजर का बेटा भी इसमें शामिल है.
पटना के बिक्रम थाना क्षेत्र में गुरुवार की देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात विशाल कुमार को पैर में गोली लग गयी, जिसे बाद में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. एसटीएफ व बिक्रम थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए छह अपराधियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है. हत्या करने के लिए ये अपराधी निकले थे लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस से मुठभेड़ हुई और गिरफ्तार हो गए.
छह अपराधी गिरफ्तार
शुक्रवार को पश्चिमी एसपी शरथ आरएस ने पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार छह अपराधियों में बिक्रम थाने के वाजिरपुर परियावां का विशाल कुमार, परसा बाजार का जितेंद्र कुमार, बिहटा थाने क्षेत्र के दयालपुर राजपुर का अंकित, रूपसपुर के खगौल नहर निवासी सोनू, फुलवारी के बोचाचक का शुभम कुमार उर्फ रेयांश, खगौल के हरिदास का ऋतिक कुमार उर्फ सुजीत कुमार शामिल हैं. उनके पास से चार देसी पिस्टल, दो मैगजीन, 24 जिंदा कारतूस, दो मोबाइल और दो मोटरसाइकिलों को बरामद किया है.
सुपारी लेकर हत्या करने बिक्रम पहुंचे थे अपराधी
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी बाइक से बिक्रम में हत्या करने आ रहे हैं. सूचना के बाद पटना पुलिस व एसटीएफ के साथ एक टीम बनायी गयी. अपराधियों को पकड़ने के लिए वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया. इसी दौरान निसारपुरा मोड़ के पास एक बाइक पर सवार तीन अपराधी पुलिस को देख भागने लगे, जिन्हें खदेड़ कर पकड़ लिया गया.
पुलिस पर की फायरिंग तो जवाब में भी चली गोली
एक बाइक पर सवार लोग धराए तो ये देखकर दूसरी बाइक पर सवार तीन शातिर भी भागने लगे, जिनमें से दो को पकड़ा गया. वहीं, बाइक चला रहा अपराधी गिर गया और फिर पीछे से आ रही पुलिस टीम पर उसने फायरिंग कर दी. इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने भी फायरिंग की, जिसमें बाइक से भाग रहे शातिर विशाल कुमार के पैर में गोली लग गयी. बदमाश ने पुलिस पर पांच से छह राउंड फायरिंग की, तो पुलिस ने जवाबी कार्रवाई मे तीन राउंड फायरिंग की.
जेल में बनाया गिरोह, वहीं से मिलती थी सुपारी
मिली जानकारी के अनुसार ये सभी हत्या के केस में पूर्व में जेल जा चुके हैं. पश्चिमी एसपी ने बताया कि सभी आरोपित बिक्रम में किसी की हत्या करने जा रहे थे. जिस वक्त ये सभी जेल मे बंद थे, उसी दौरान इन सभी ने मिलकर एक गैंग बनाया. जब सभी बाहर निकले, तो जेल में बंद कुख्यातों से संपर्क में रहे और वहीं से हत्या की सुपारी मिलने लगी. सुपारी मिलने के बाद ये सभी घटना को अंजाम देते थे. एसपी ने कहा कि जेल से संपर्क सामने आया है, जिसकी जांच की जा रही है.
बैंक मैनेजर का बेटा भी है शामिल
परियावां के रहने वाले विशाल कुमार के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि वह 2021 में मर्डर केस में जेल गया था. विशाल के पिता बैंक मैनेजर हैं. बर्चस्व और रंगबाजी दिखाने में विशाल ने हत्या की और फिर जेल में एक गिरोह तैयार कर लिया.