तेजस्वी यादव ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि सरकारी नौकरी, पेंशन एवं अन्य सरकारी सुविधाओं में सेना एवं अर्धसैनिक बलों के शहीदों के परिजनों के साथ समानता का व्यवहार हो.
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. गृह विभाग को भेजे गए इस पत्र को तेजस्वी यादव ने मंगलवार (20 मई, 2025) को अपने एक्स (X) हैंडल से शेयर किया. उन्होंने बताया है कि मातृभूमि की रक्षा एवं देश की एकता व अखंडता की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले अर्धसैनिक बलों के वीर जवानों को शहीद का दर्जा देने और उनसे संबंधित अन्य चिरलंबित मांगों को लेकर उन्होंने गृहमंत्री (भारत सरकार) को यह पत्र लिखा है.

शहीदों की सुविधाओं में भेदभाव: तेजस्वी
तेजस्वी का कहना है कि हमारे देश की सुरक्षा में सेना (थल सेना, नौसेना, वायु सेवा) और अर्धसैनिक बलों (CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, Assam Rifles) आदि सभी देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हैं. परंतु यह बहुत ही दुखद एवं विचारणीय है कि मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले इन शहीदों को शहादत के बाद मिलने वाले सम्मान, मुआवजा, सुविधाओं और अन्य लाभों में स्पष्ट भेदभाव है.
सेना और अर्द्धसैनिक बल समान सम्मान के हकदार
तेजस्वी ने कहा कि एक ओर भारतीय सेना के वीर शहीदों को राज्य और केंद्र सरकार की ओर से मुआवजा, सम्मान एवं परिवार को आर्थिक सहायता के साथ सामाजिक सुरक्षा मिलती है, वहीं अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों एवं उनके परिवारों को अपेक्षित सम्मान, सहायता एवं भविष्य की सुरक्षा नहीं मिल पाती. जबकि वह भी समान रूप से हकदार हैं.
तेजस्वी यादव की मांगें
- अर्धसैनिक बलों के शहीदों को भी “Battle Casualty” घोषित किया जाए ताकि उन्हें एवं उनके परिवारों को समान सम्मान, लाभ एवं मुआवजा मिल सके.
- सरकारी नौकरी, पेंशन एवं अन्य सरकारी सुविधाओं में सेना एवं अर्धसैनिक बलों के शहीदों के परिजनों में अनुरूपता हो.
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अर्धसैनिक शहीदों के भी नाम दर्ज होने चाहिए.
- अर्धसैनिक बल के शहीदों के परिजनों के लिए Liberalised Pension Scheme स्वतः लागू हो.
- केंद्रीय Ex-Gratia एवं राज्य सरकारों की तरफ से मिलने वाले प्रतिपूर्ति में समानता हो.
नक्सलवाद, आंतकवाद निरोधी कार्रवाई, युद्ध अथवा युद्ध जैसी स्थिति में गंभीर रूप से घायल या दिव्यांगता के बाद सैनिक/अर्धसैनिक बल के जवानों को सेवानिवृत्ति दी जाती है. युद्ध के दौरान घायल होने के कुछ दिनों बाद मृत्यु हो जाने पर इन्हें भी शहीद का दर्जा मिले. समान परिस्थितियों में काम करने वाले सैनिक एवं अर्धसैनिक बल के जवानों को “वन रैंक वन पेंशन” का लाभ मिलना चाहिए.