Sunday, May 18, 2025

‘…तो क्या दुष्कर्मी को इनाम देगी झारखंड सरकार?’ नवाडीह की घटना पर चंपाई सोरेन का तीखा हमला

Share

चंपाई सोरेन ने नावाडीह घटना पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी द्वारा आरोपी के परिवार को 6 लाख रुपये की सहायता और नौकरी देने की घोषणा पर सवाल उठाया है। सोरेन ने पूछा कि क्या अब दुष्कर्मी को इनाम मिलेगा? उन्होंने इसे आदिवासी समाज और बेटियों का अपमान बताया और सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

बाेकारो। नावाडीह की घटना पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने सरकार के कार्य प्रणाली पर पलटवार किया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस के अनुसार, महिला ने आत्मरक्षा में शोर मचाया और ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर उसकी मदद की। पर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी एक पक्षीय काम कर रहे हैं। उन्होंने मृतक आरोपी के परिवार को 6 लाख रुपये की सहायता और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी देने की घोषणा की।

इसमें राहुल गांधी की ओर से 1 लाख, मुख्यमंत्री की ओर से 1 लाख और राज्य सरकार की ओर से 4 लाख की मदद शामिल है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा कि क्या अब रेपिस्ट को इनाम मिलेगा? यह आदिवासी समाज और हमारी बेटियों का अपमान है। बताया है कि एक गांव में एक आदिवासी महिला ने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम युवक, अब्दुल अंसारी, ने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की।

महिला के शोर मचाने पर गांव वाले इकट्ठा हो गए और उसे बचाया। इस दौरान हुई हाथापाई में आरोपी घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।

पुलिस के मुताबिक, महिला ने आत्मरक्षा की और शुरुआती जांच में यह पाया गया कि महिला पर हमले की पुष्टि होती है। इसके बावजूद एक पक्षीय कार्रवाई हो रही है। चंपाई सोरेन ने इसे झारखंड की आत्मा पर हमला बताया और सवाल उठाया कि एक दुष्कर्मी के पक्ष में खड़ी सरकार क्या आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है?

वोट बैंक की राजनीति

उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि यह फैसला कानून और नैतिकता दोनों के खिलाफ है। उन्होंने आदिवासी समाज से जागरूक होने और इस अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की।

चंपाई सोरेन ने कहा कि जागो आदिवासियों, जागो, अगर आज नहीं बोले, तो कल हमारी बेटियां असुरक्षित होंगी।बोकारो की यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि राज्य की संवेदनशीलता, सामाजिक न्याय और राजनीतिक नैतिकता की कसौटी बन गई है।

चंपाई सोरेन की प्रतिक्रिया ने इस पूरे मुद्दे को राज्यव्यापी बहस में बदल दिया है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या सफाई देती है और जनता क्या फैसला करती है।

Read more

Local News