झारखंड के टाटानगर, सीनी, बंडामुंडा, राउरकेला और झारसुगुड़ा में तैनात 10 आरपीएफ जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है. चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त पी शंकर कुट्टी ने एक्शन लिया है. एनएसजी बीएसएफ केंद्र में कमांडो कोर्स के लिए रिपोर्ट नहीं करने पर कार्रवाई की गयी है.
चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), शीन अनवर-हजारीबाग और मानेसर स्थित एनएसजी बीएसएफ केंद्र में कमांडो कोर्स के लिए रिपोर्ट नहीं करने और आदेश के बावजूद ट्रेनिंग पर नहीं जाने पर चक्रधरपुर रेल मंडल के 10 आरपीएफ जवानों को सस्पेंड किया गया है. वरीय अधिकारियों के आदेश और आरपीएफ नियमावली की अवहेलना करने के आरोप में चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त पी शंकर कुट्टी ने टाटानगर, सीनी, बंडामुंडा, राउरकेला और झारसुगुड़ा में तैनात 10 आरपीएफ जवानों को सस्पेंड कर दिया है.
सस्पेंड आरपीएफ जवानों को मिलेगा 50 प्रतिशत निर्वाह भत्ता
पत्र में उल्लेख किया गया है कि निलंबित किए गए आरपीएफ जवानों को सस्पेंड रहने के दौरान नियमों के अनुसार 50 फीसदी निर्वाह भत्ता मिलेगा. उन्हें हर दिन 10.30 बजे अपने संबंधित मुख्यालय में हाजिरी लगानी होगी. बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.
आदेश नहीं मानने पर ये हुए हैं सस्पेंड
टाटानगर के सीपी प्रजापति, सीनी के रब्बानी खाम, एमके चौहान, अमित कुमार, बंडामुंडा के सीबी सिंह, सोनू कुमार, राउरकेला के अमरजीत कुमार, जितेंद्र कुमार, झारसुगुड़ा के गोपाल सिंह व डीके पंडित को सस्पेंड किया गया है.
आरपीएफ की क्या है नियमावली?
आरपीएफ नियमावली 1987 के नियम 134 (ए) के तहत कार्रवाई की गई है. जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित होने या विचाराधीन होने की स्थिति में सस्पेंड का प्रावधान है.
सुरक्षा के मामलों में अनुशासन है आवश्यक : एएससी
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त अमरेश चंद्र सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा के मामलों में अनुशासन आवश्यक है. आरपीएफ के जवानों को आदेश जारी किया गया था.,लेकिन उनके द्वारा अनुशासनहीनता की गई, जिससे उन पर विभागीय कार्रवाई की गई है.