बिहार के सरकारी स्कूलों में अब हर तीन महीने पर बच्चों को प्रोग्रेस कार्ड मिलेंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। शिक्षकों की समय पर उपस्थिति छात्रों की नियमित उपस्थिति और अभिभावक-शिक्षक बैठकों पर जोर दिया गया है। छात्रों को नियमित होमवर्क मिलेगा और उनकी प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।
पटना। बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में प्रबंधन की व्यवस्था नियमानुसार लागू होगी। शिक्षा विभाग ने छात्रों की उपस्थिति के साथ ही विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन एवं अभिभावक प्रबंधन लागू करने का निर्देश दिया है। विद्यालय प्रबंधन के अंतर्गत स्कूल संचालन अवधि के कम-से-कम 10 मिनट पहले शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
वहीं, बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने में शिक्षक पांच मिनट से अधिक का समय नहीं लगाएंगे। चेतना सत्र अनिवार्य किया गया है, जिसमें शिक्षकों की अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
शिक्षक अभिभावक बैठक भी आवश्यक है। हर तीन माह पर बच्चों को प्रोग्रेस कार्ड देने को कहा गया है। इसके लिए बच्चों को नियमित रूप से होमवर्क दिए जाएंगे।
आवासीय प्रशिक्षण नहीं करने वाले शिक्षकों पर होगी कठोर कार्रवाई
शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षक मार्गदर्शिका जारी कर कहा गया है कि पहली से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले सरकारी स्कूलों की संख्या तकरीबन 77,370 है, जिनमें शिक्षक मार्गदर्शिका लागू की गयी है। इन स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या तकरीबन 1,84,36,388 है।
शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि तमाम बच्चे पोशाक में अपने बस्ते में विद्यालय की समय-सारणी के अनुसार सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक, पेंसिल बाक्स, पीने के पानी के बोतल के साथ स्नान कर कटे-संवरे बाल एवं कटे नाखून में आएं।
विद्यालय प्रबंधन के तहत कक्षा प्रारंभ के 10 मिनट पहले शिक्षक आयेंगे। विद्यालय परिसर में ई-शिक्षाकोष के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। प्राचार्य के साथ बैठकर उस दिन की शिक्षण योजना पर विमर्श करेंगे।
चेतना सत्र में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए छात्रों को अनुशासित रखेंगे। चेतना सत्र में नैतिक मूल्यों पर चर्चा करेंगे। मेन्यू के तहत बच्चों मध्याह्न भोजन परोसे जाएं।