बिहार के गया जिले में पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान गुंडागर्दी की और एक आर्मी जवान को बेरहमी से पीटा है. जवान ने डीएसपी के पास इसकी शिकायत की है. अपशब्द का विरोध करने पर गुस्से में पीटने का आरोप लगाया है.
बिहार के गया जिले में पुलिस ने सेना के एक जवान को बेरहमी से पीटा है. बहेरा थाने की पुलिस पर यह आरोप लगा है. पीड़ित जवान मनोज कुमार ने इसकी शिकायत शेरघाटी डीएसपी संजीत कुमार प्रभात से की है. आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
डीएसपी के पास फौजी ने की शिकायत
पीड़ित जवान ने पिटाई के बाद अपने शरीर पर डंडे के निशान और पैर में हुए जख्म को दिखाया. जवान ने इस घटना की सूचना अपने हेडक्वार्टर को भी दी है. पीड़ित ने बताया कि सोवमार की शाम को बहेरा थाने की पुलिस थाने के गेट के पास ही वाहन चेकिंग कर रही थी. इस दौरान वो झारखंड से मजदूर को पहुंचाकर पाठक बिगहा गांव लौट रहे थे. उनकी बाइक को पुलिस ने रोका और जांच की.
अपशब्द का विरोध किया तो बुरी तरह पीटने का आरोप
पीड़ित ने बताया कि हेलमेट नहीं पहने होने के कारण एक पुलिसकर्मी ने उन्हें फाइन काटने की बात कही. इसपर हामी भी उन्होंने भर दी. लेकिन इस दौरान थाने के एक जवान ने अपशब्द बोल दिया जिसका फौजी ने विरोध किया. अपशब्द का विरोध करने पर पुलिसकर्मी गुस्से से तिलमिला गए और वहां पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी आए और आर्मी जवान को पीटना शुरू कर दिया. लाठी और प्लास्टिक के पाइप से फौजी को पीटा गया.
मकर में गमछा लगाकर ले गयी थाने, जबरन लिखवाया- सकुशल हूं…
पीड़ित का आरोप है कि वहां मौजूद अधिकारी के आदेश पर उनकी कमर में गमछा लगाकर उन्हें थाना लेकर पुलिस आ गयी. घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित जवान के परिजन भी थाना पहुंचे. थानेदार ने जबरन एक कागज पर सकुशल होने की बात लिखवायी तब जाकर रात 10 बजे फौजी को थाने को छोड़ा.
अस्पताल में इलाज करवाया, मामले पर थानेदार ने साधी चुप्पा
पीड़ित आर्मी जवान मनोज ने बताया कि रात में ही एक प्राइवेट क्लिनिक में उन्होंने अपना इलाज कराया. मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डोभी में फिर इलाज कराया. वो बीमार होने के कारण ड्यूटी से अपने घर आए थे. वहीं पूरे मामले पर थानाध्यक्ष रविरंजन ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है.