Tuesday, May 6, 2025

कैशियर के बाद अब इंजीनियरों की बारी, जल्द होगी कुछ और गिरफ्तारी; ED को मिले अहम सबूत

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झारखंड पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 2.71 करोड़ रुपये के अवैध निकासी मामले में ईडी की जांच जारी है। कैशियर संतोष कुमार की गिरफ्तारी के बाद अब इंजीनियरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह के खिलाफ सबूत मिले हैं। ईडी ने 22 करोड़ से अधिक की फर्जी निकासी का पता लगाया है और आगे गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

रांची। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के खाते से 2.71 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

पूर्व में गिरफ्तार विभाग के कैशियर सह अपर डिविजनल क्लर्क संतोष कुमार के बाद अब इंजीनियरों की बारी है। कुछ और गिरफ्तारियां जल्द होनी है।

विभाग के खाते से 2.71 करोड़ रुपये के फर्जी निकासी मामले में जांच के दौरान ईडी ने अब तक 22 करोड़ 93 लाख 42 हजार 947 रुपये की फर्जी निकासी का मामला पकड़ा।

विभाग में भ्रष्टाचार के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। ईडी को इससे संबंधित सबूत भी मिले, जिसका सत्यापन कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

ईडी ने कैशियर के माध्यम से विभिन्न लोगों को स्थानांतरित 12 करोड़ दो लाख रुपये का हिसाब भी निकाल लिया है।

विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह के विरुद्ध मिले साक्ष्यों का भी सत्यापन कार्य पूरा हो चुका है। ईडी एक-एक कर सभी का बयान ले रही है और मिले साक्ष्य से उसका मिलान भी कर रही है।

ईडी को जांच के दौरान जानकारी मिली थी कि कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा रांची के कोषागार कार्यालय के पदाधिकारियों की मिलीभगत से कैशियर संतोष कुमार व उसकी कंपनी मेसर्स राकड्रिल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खाते में कुल 22 करोड़ 93 लाख 42 हजार 947 रुपये स्थानांतरित हुए थे।

ईडी को इससे संबंधित सबूत भी मिले हैं। यह भी साबित हुआ है कि संतोष कुमार ने तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह के निर्देश पर दिसंबर 2022 में मेसर्स राकड्रिल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई थी।

संतोष कुमार व उसकी कंपनी के खाते में स्थानांतरित कुल 22.93 करोड़ रुपये में से 12 करोड़ रुपये की नकदी निकासी व 12 करोड़ दो लाख रुपये 11 लोगों के खाते में स्थानांतरित हुए थे।

संतोष कुमार व उसकी कंपनी के खाते से यहां स्थानांतरित हुए थे रुपये, मिले साक्ष्य

कैशियर संतोष कुमार व उसकी कंपनी से कुल 11 लोगों के खाते में 12 करोड़ 02 लाख रुपये स्थानांतरित हुए थे। जिनके खाते में रुपये स्थानांतरित हुए थे। 

उनमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह को 1.75 करोड़ रुपये मिले थे। दूसरे कार्यपालक अभियंता राधो श्याम के खाते में एक करोड़ रुपये, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर के खाते में तीन करोड़ रुपये, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता निरंजन कुमार के खाते में 80 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। 

इसके अलावा, डिविजनल अकाउंटेंट परमानंद कुमार के खाते में एक करोड़ रुपये, डिविजनल अकाउंटेंट स्व. सुरेंद्र पाल मिंज के खाते में 30 लाख रुपये, कोषागार पदाधिकारी मनोज कुमार के खाते में 15 लाख रुपये, कोषागार पदाधिकारी सुनील कुमार सिन्हा के खाते में 85 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कर्मी संजय कुमार सिंह के खाते में 10 लाख रुपये, कर्मी रंजन कुमार सिंह के खाते में सात लाख रुपये व संतोष कुमार ने स्वयं अपने खाते में तीन करोड़ रुपये स्थानांतरित किए थे।

सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही आगे बढ़ी थी ईडी की जांच

रांची के सदर थाने में 28 दिसंबर 2003 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। यह प्राथमिकी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के खाते से दाे करोड़ 71 लाख 62 हजार 833 रुपये की फर्जी निकासी के मामले में दर्ज हुई थी। 

फर्जी निकासी का यह आरोप पेयजल एवं स्वच्छता विभाग स्वर्णरेखा डिविजन रांची के तत्कालीन कैशियर सह अपर डिविजनल क्लर्क संतोष कुमार पर लगा था।

सदर थाने की पुलिस ने नौ अप्रैल 2024 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी केस के आधार पर ईडी ने वर्ष 2024 में इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) 2024 दर्ज किया था।

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