Saturday, June 7, 2025

संजीव मुखिया कैसे बना पेपर लीक का मास्टरमाइंड? NEET, BPSC समेत देशभर की कई परीक्षाओं में कर चुका है खेल

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नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया एक बार फिर चर्चे में है. दरअसल, EOU की टीम उसे शुक्रवार को पटना से गिरफ्तार की है. संगठित गिरोह के जरिए देशभर में पेपर लीक कराने वाला यह शातिर अब तक कई बड़े भर्ती घोटालों में संलिप्त पाया गया है. इस खबर में पढ़िए उसकी पूरी कहानी…

 बिहार समेत देश के कई राज्यों में पेपर लीक गिरोह का सिंडिकेट चला रहे संजीव मुखिया का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहे इस माफिया ने बीते वर्षों में NEET, BPSC, सिपाही भर्ती समेत कई अहम परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करवाकर न सिर्फ सिस्टम की पोल खोल दी है, बल्कि हजारों मेहनती अभ्यर्थियों के सपनों से भी खिलवाड़ किया है.

NEET समेत कई बड़े एग्जामों के पेपर लीक में वांछित चल रहा कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव मुखिया आखिरकार 11 महीने की फरारी के बाद पटना में गिरफ्तार कर लिया गया. वह सगुना मोड़ के पास आरएन हाइट्स अपार्टमेंट में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ छिपकर रह रहा था. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने शनिवार को चार घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसे दबोच लिया.

सूत्रों के मुताबिक, संजीव मुखिया नेपाल भागने के बाद चुपचाप पटना लौटा था और यहां एक नया गैंग खड़ा कर रहा था. उसका मकसद 4 मई 2025 को होने वाली NEET परीक्षा को फिर से लीक करना था. वह इसके लिए नए सदस्यों की भर्ती कर चुका था और पूरी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में था.

पेपर लीक नेटवर्क में 30 से ज्यादा लोग शामिल

ईओयू की जांच में सामने आया है कि संजीव मुखिया एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से पेपर लीक को अंजाम देता था. इस नेटवर्क में उसके परिजनों के अलावा करीब 30 से ज्यादा लोग शामिल हैं, जो अलग-अलग राज्यों में फैले हुए हैं. हाल ही में 11 मई 2024 को झारखंड के देवघर से नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार छह लोगों में उसका करीबी चिंटू भी शामिल था, जिसे उसके रिश्तेदार के रूप में जाना जाता है. जांच में खुलासा हुआ कि 5 मई की सुबह चिंटू को व्हाट्सएप पर नीट का प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी की PDF मिली थी, जिसे पटना के ‘लर्न एंड प्ले स्कूल’ में प्रिंट कर छात्रों को रटाया गया था.

whatsapp के जरिए छात्रों तक पहुंचाता था प्रश्न पत्र

ईओयू के अनुसार, संजीव मुखिया न सिर्फ प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसियों से संपर्क करता था, बल्कि परीक्षा के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े कर्मियों को भी झांसे में लेकर प्रश्नपत्र हासिल करता था. वह वाट्सएप और ब्लूटूथ जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर पेपर को छात्रों तक पहुंचाता था. इस पूरे गिरोह को वह सैलरी और बाइक जैसी सुविधाएं देकर जोड़े रखता था.

एक छात्र से वसूले थे 40 लाख रुपये

संजीव का नाम पहली बार 2010 में मेडिकल परीक्षा पेपर लीक में सामने आया था. 2016 में उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन सबूतों के अभाव में दो महीने में जमानत मिल गई. इसके बाद उसका नाम 2016 में सिपाही भर्ती और 2020 में BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक में भी आया. ताजा मामले में उस पर आरोप है कि NEET का पेपर रांची और पटना के मेडिकल छात्रों से हल करवाकर लगभग 40 लाख रुपये प्रति छात्र वसूले गए. इसमें से 30-32 लाख रुपये गिरोह के सरगनाओं को और बाकी रकम बिचौलियों में बांटी गई.

संजीव के पास आय से 144 फीसदी अधिक है संपत्ति

ईओयू की जांच में सामने आया है कि संजीव के पास आय से 144 फीसदी अधिक यानी लगभग 1.75 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति है. उसके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने भी केस दर्ज किए हैं. संजीव मुखिया का गांव नालंदा जिले के यारपुर-बलवा में है, जहां उसके पिता किसान हैं. वहीं, उसकी पत्नी ममता कुमारी 2020 में लोजपा के टिकट पर हरनौत विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं और इस बार भी चुनावी तैयारी में सक्रिय हैं.

देश के कई राज्यों में फैला है पेपर लीक सिंडिकेट

संजीव मुखिया का पेपर लीक सिंडिकेट अब देश के कई राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें बिहार, झारखंड, यूपी, एमपी, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं. हर सरकारी नौकरी से जुड़ी परीक्षा में यह गिरोह पेपर लीक कराने की फिराक में रहता है. शिक्षा व्यवस्था को चुनौती दे रहे इस नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग लगातार तेज हो रही है.

neet paper leak mastermind| Story of Sanjeev Mukhiya, the mastermind of paper leak, has committed fraud in NEET, BPSC

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