शादी के बाद परिवार के साथ कश्मीर घूमने गया था नवविवाहित जोड़ा, आज लौटना था घर, सीएम योगी ने परिजनों से की बात.
कानपुरः पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में कानपुर का सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी का नाम भी शामिल है. उनकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी. वह पत्नी के साथ घूमने पहलगाम गए थे. परिजनों के मुताबिक इस दौरान आतंकियों ने उन्हें पकड़ लिया. नाम पूछने के बाद आतंकियों ने पत्नी के सामने ही उन्हें गोली मार दी. वह कानपुर के श्यामनगर में रहते थे. वहीं, सीएम योगी ने परिजनों से बात की है. सीएम योगी ने कहा है, जल्द से जल्द शुभम की बॉडी को कानपुर लाने का प्रयास होगा. साथ ही परिजनों की हर सम्भव मदद की जाएगी
23 अप्रैल को कानपुर लौटना थाः श्याम नगर निवासी शुभम के चाचा के बेटे सौरभ द्विवेदी ने बताया कि घर पर दोपहर में यह सूचना आई कि कश्मीर में जो आतंकी हमला हुआ है उसमें ताऊ जी के बेटे शुभम को आतंकियों ने गोली मार दी. पहले शुभम से आतंकियों ने नाम पूछा और उसके बाद सिर पर ही गोली मार दी. शुभम अपनी पत्नी सान्या व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 17 अप्रैल को कानपुर से गए थे और 23 अप्रैल को उन्हें वापस लौटना थ
अचानक भाभी का आया फोनः उन्होंने कहा कि किसी ने भी यह नहीं सोचा था, अब शुभम कभी नहीं आएंगे. बताया कि दोपहर में परिवार के सदस्य एक जगह बैठे हुए थे तभी अचानक सान्या भाभी का फोन आया और उन्होंने बताया कि कश्मीर में जो आतंकी हमला हुआ है उसमें शुभम को भी गोली लग गई है. यह जानकारी मिलते ही परिवार में हड़कंप मच गया. हालांकि बहुत अधिक बात नहीं हुई और सुनने में आया, जब आतंकियों ने हमला किया तो उस समय भगदड़ मच गई ऐसे में परिवार के सभी सदस्य इधर-उधर हो गए थे. शुभम के गोली लगने की जानकारी मिल गई है और उनकी मौत भी हो गई है. अभी वहां की सरकार ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. केंद्र सरकार से यही मांग है कि जल्द से जल्द हमारे भाई की जो भी स्थिति है उसे अवगत कराया जाए.
12 फरवरी को हुई थी शादी: सौरभ द्विवेदी ने बताया 12 फरवरी को ही शुभम की शादी हुई थी. इसके बाद शुभम का परिवार के अन्य सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में गुलमर्ग सोनमर्ग समेत अन्य स्थानों पर घूमने का प्लान बनाया था. मंगलवार को परिवार के सभी सदस्य पहलगाम घूम रहे थे. शुभम पत्नी के साथ थोड़ा ऊंचाई पर पहुंच गए और वहां पर अचानक ही आतंकियों ने हमला कर दिया. 31 साल के हमारे भाई शुभम की मौत हो गयी. अभी तक वहां की सरकार या प्रशासनिक अफसरों ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया है इसलिए बहुत अधिक कुछ बता पाना भी मुश्किल होगा. सौरभ ने कहा शुभम की मौत की जानकारी के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है, और सभी का रो-रो कर बुरा हाल है. बता दें कि शुभम सीमेंट कारोबारी थे. उनका परिवार काफी बड़ा है.
सैन्य अफसरों से बोले पिता- मुझे मेरे बेटे का शव जल्दी दिला दो शुभम के पिता श्याम नगर निवासी सीमेंट कारोबारी संजय द्विवेदी व अन्य परिजनों ने वरिष्ठ सैन्य अफसरों से कहा कि बेटे का शव जल्दी दिला दीजिए. पूरा परिवार मौजूदा समय में श्रीनगर के एक होटल में पुलिस सुरक्षा में है. परिजनों के अंदर दहशत का माहौल है. वहीं, सीमेंट कारोबारी संजय द्विवेदी ने श्रीनगर के होटल से ही डीएम कानपुर से बात की. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, जैसे ही यह जानकारी मिली तो उन्होंने भी अपने स्तर से श्रीनगर के प्रशासनिक अफसरों से वार्ता की है. इस गंभीर मामले पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की है. कानपुर में परिजनों का कहना है, 24 अप्रैल तक शुभम की बॉडी कानपुर आ सकती है जबकि अन्य परिजन बुधवार शाम तक शहर आ जाएंगे.
70 दिनों में छूटा सात जन्मों का साथ: जैसे ही आतंकियों ने शुभम को घेरा तो पास में मौजूद पत्नी ने आतंकियों के सामने हाथ जोड़े. कहा, मेरे पति को छोड़ दो. आतंकियों ने उनके सामने ही शुभम को गोली मार दी. शुभम की मौत के बाद पत्नी व मां सीमा बदहवास हैं. करीब दो माह 10 दिन बाद ही उनके हाथों की मेंहदी मिट गई. पिता संजय ने बहू व पत्नी सीमा को संभाला. श्याम नगर स्थित संजय द्विवेदी के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 201 में मंगलवार दोपहर से सन्नाटा पसरा है. क्षेत्रीय लोगों व रिश्तेदारों की भीड़ मौजूद है पर कोई कुछ नहीं बोल रहा. परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है. जैसे ही किसी फोन की घंटी बजती है, तो सभी चौंक उठते हैं. कारोबारी के भाई ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी ने बताया कि 17 अप्रैल को परिवार के 11 सदस्य- जिसमें भतीजा शुभम, भतीजी एेशान्या, भाई संजय द्विवेदी, भाभी सीमा, भतीजी आरती, दामान शुभम दुबे, आरती के ससुर सुरेश दुबे, सास, मृतक शुभम के ससुर राजेश पांडेय और शांभवी गए थे कश्मीर घूमने गए थे. सभी की वापसी 23 अप्रैल को थी.

बेहद मिलनसार और संस्कारी था शुभमः क्षेत्रीय लोगों का कहना था, शुभम हर किसी से बहुत सम्मान से बात करता था. मूलरूप से परिवार महाराजपुर के हाथीपुर गांव का है. शुभम जरूरतमंदों की मदद भी करता था. सोमवार को शुभम ने गोविंद नगर निवासी अपने करीबी दोस्त सिमर छाबड़ा से बात भी की थी. शुभम ने सिमर से कहा था, 23 को आ रहे हैं फिर मिलेंगे. सिमर ने कहा, जैसे ही उन्हें कश्मीर वाले मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने शुभम को कॉल की। मगर, कॉल रिसीव नहीं हुई. वहीं, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने इस आतंकी हमले को लेकर गहरा दुख जताया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी पूरे मामले को लेकर काफी गंभीर हैं. आतंकियों के परिजन फातिहा पढ़ने की तैयारी कर लें.

मौत से एक दिन पहले शुभम का ये वीडियो हुआ वायरल: आतंकी हमले के एक दिन पहले शुभम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह जम्मू कश्मीर का बताया जा रहा है. इसमें वह परिवार के साथ बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वहीं, शुभम के चचेरे भाई सौरभ का कहना है की जम्मू के पहलगाम में लोगों का नरसंहार किया गया है लोगों का नाम पूछ कर उन्हें गोली मारी गई है. उन्होंने बताया कि भाभी को आतंकियों ने यह कहकर छोड़ दिया कि जाओ सरकार को बताओ. उन्होंने भाई का शव जल्द से जल्द घर भेजने की मांग की है.

घर पर शोक संवेदना जताने वालों का लगा तांताः वहीं, शुभम के घर पर शोक संवेदना जताने के लिए कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह, कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, भाजपा नेता रघुनंदन सिंह भदौरिया समेत कई राजनैतिक दलों के नेताओं का पहुंचने का सिलसिला जारी है.
रूंधे गले से बोल रहे-मेरा दुलारा कभी नहीं आएगा: संजय द्विवेदी के घर के बाहर गाड़ियों का काफिला खड़ा है. लोगों के अंदर गहरी नाराजगी है. सभी का बस यही कहना है, जो घटना शुभम के साथ घटी है, सरकार को भी उसी अंदाज में आतंकियों के साथ कार्रवाई करनी चाहिए. शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने कहा कि आतंकियों ने शुभम से कहा, कलमा पढ़ो, लेकिन जब शुभम ने मना कर दिया तो सीधे-सीधे उसको गोली मार दी. इस दौरान वहां पर मौजूद बहू ऐशान्या ने आतंकियों से कहा, हमें भी मार दो पर आतंकियों ने कहा-तुम्हें नहीं मारेंगे. तुम जाकर अब यह बात सरकार को बताना.