रांचीः झारखंड के बोकारो स्थित वन विभाग की 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियाने और मनी लाउंड्रिंग की जांच ईडी के द्वारा शुरू कर दी गई है. मंगलवार की सुबह छह बजे से ईडी ने इस मामले में बिहार और झारखंड के 16 स्थानों पर एक साथ रेड किया. छापेमारी में कई तरह के डिजिटल एविडेंस और घोटाले से संबंधित कागजात बरामद किए गए.
ईडी ने दर्ज की है ईसीआर
झारखंड के बोकारो स्थित वन विभाग की 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियाने और मनी लाउंड्रिंग मामले में ईसीआईआर दर्ज कर ईडी ने सोमवार की सुबह छह बजे से झारखंड, बिहार के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है. खबर लिखे जाने तक कई स्थानों पर छापेमारी जारी थी.
कहां-कहां हुई छापेमारी
राजधानी रांची में राजवीर कंस्ट्रक्शन के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी की गई. वहीं बोकारो में डीसी ऑफिस, चास सीओ कार्यालय में भी ईडी ने दबिश दी. ईडी की टीम पूर्व में कांके जमीन घोटाले में आरोपित सीओ दिवाकर द्विवेदी के धनबाद स्थित आवास पर भी पहुंची, जहां वह डीटीओ के पद पर पोस्टेड हैं.
ईडी ने जमीन की खरीद में शामिल उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के पटना और बोकारो स्थित आवास, कार्यालय के साथ साथ उनके कर्मियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की. बोकारो के चास अंचल में पोस्टेड रहे पूर्व सीओ भी इस केस में एजेंसी की रडार पर हैं.
ईडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज केस 34/2024 व सीआईडी में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर दर्ज कर दबिश दी. छापेमारी के दौरान निवेश संबंधी दस्तावेज, जमीन के कागजात समेत अन्य चीजें बरामद की गई हैं. ईडी ने इस मामले में संदिग्धों से पूछताछ भी की.
इजहार अंसारी को 10.23 करोड़ का किया गया था भुगतान, कैसे हुई मनी लाउंड्रिंग
वन भूमि को अपने नाम पर म्यूटेशन कराने वाले व्यक्ति इजहार अंसारी के आवास पर छापेमारी की गई. द्विवेदी के स्थान पर इसलिए छापेमारी की गई क्योंकि अवैध सौदे के समय वह सर्किल अधिकारी थे. इजहार अंसारी से 10.23 करोड़ रुपये देकर वन भूमि खरीदने वाली उमायुष कंस्ट्रक्शन को यह पैसा कहां से मिला, इस पहलु पर जांच की जा रही है.
एजेंसी के मुताबिक, सरकारी दर से काफी कम दर पर भुगतान के बाद भी रजिस्ट्री कर दी गई थी. जांच में यह बात सामने आयी है कि 2021 में उमायुष कंस्ट्रक्शन अस्तित्व में आई, तो इसकी शेयर पूंजी मात्र एक लाख रुपये थी, लेकिन दो महीने के भीतर इसकी शेयर पूंजी 10.23 करोड़ रुपये हो गई और इसने 103 एकड़ वन भूमि में से 74.38 एकड़ जमीन खरीद ली, जिसे अवैध रूप से इजहार अंसारी के कब्जे में कर दिया गया था.
ईडी यह भी पता लगा रही है कि जमीन को सरकारी दर से कम दर पर क्यों बेचा गया. उमायुश कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इजहार को जमीन खरीदने के लिए जो कीमत दी, वह भूमि और राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित जमीन के सर्किल रेट से बहुत कम है.