गर्दन में गांठ, आवाज भारी, गले में खराश या 3 हफ्ते से ज्यादा खांसी हो तो डॉक्टर से सलाह लें, जानें कारण…
बदलती जीवनशैली, खराब खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं लोगों को घेर रही हैं. ऐसे में हाल के वर्षों में थायरॉयड कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. मशहूर डायबिटीज डॉक्टर पी.वी राव ने थायरॉयड कैंसर से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी दी है. इस खबर के जरिए जानिए क्या है थायरॉयड और कैसे होता है थायरॉयड कैंसर…
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, एडम्स एप्पल के ठीक नीचे पाई जाती है. यह शरीर के एंडोक्राइन सिस्टम के लिए जरूरी है क्योंकि यह ऐसे हार्मोन का प्रोडक्शन करती है जो मेटाबॉलिज्म, वृद्धि और विकास को नियंत्रित करते हैं. थायरॉइड का पहला और मुख्य कार्य शरीर की मेटाबॉलिज्म रेट को कंट्रोल करना है. इसे मेटाबॉलिज्म की मास्टर ग्रंथि भी कहा जाता है. शरीर की मेटाबॉलिज्म रेट को नियंत्रित करने के लिए यह T4 (थायरोक्सिन) और T3 (ट्राईआयोडोथायोनिन) हार्मोन का प्रोडक्शन करती है, जो शरीर में कोशिकाओं को एनर्जी का इस्तेमाल करने का निर्देश देते हैं.

शुरुआत में नहीं दिखते लक्षण
शुरुआती दौर में व्यक्ति को थायरॉइड के कोई लक्षण नजर नहीं दिखते हैं लेकिन, इलाज के अभाव में हाइपरथायरायडिज्म (अतिसक्रिय थायरॉयड ग्रंथि) या हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड) हार्ट डिजीज और बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है. हमारे शरीर में अन्य अंगों की तुलना में थायरॉयड सिस्टम सबसे महत्वपूर्ण है. थायरॉयड ग्लैंड मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन, अगर थायरॉयड ग्रंथि द्वारा स्रावित थायरोक्सिन हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम है, तो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. थायराइड के कारण होने वाली समस्याओं को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है. यदि थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन जरूरी लेवल से अधिक हो जाता है, तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है, और जब थायराइड हार्मोन सामान्य लेवल से कम होता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है.

थायरॉयड कैंसर कैसे होता है
अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन की वेबसाइट के मुताबिक, थायरॉयड कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि है जो थायरॉयड में शुरू होती है. मतलब थायरॉयड कैंसर तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती और विभाजित होती हैं, जिससे ट्यूमर या गांठ बन जाती है. यह असामान्य वृद्धि थायरॉयड कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव के कारण होता है, जिसे म्युटेशन कहा जाता है. यह म्युटेशन सेल्स को तेजी से बढ़ने और मल्टीप्लाई करने का संकेत देता है, जबकि हेल्दी सेल्स नेचुरल तरीके से मर जाती हैं.
बता दें, थायरॉइड कैंसर के कारण शुरू में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, यह आपके गले में सूजन, आवाज में बदलाव और निगलने में कठिनाई जैसे संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है. दरअसल, थायराइड कैंसर तीन प्रकार का होता है जिसमें डिफरेंशिएटेड थायराइड कैंसर, एनाप्लास्टिक थायराइड कैंसर और मेडुलरी थायरॉयड कैंसर शामिल हैं. थायराइड कैंसर के कुछ रूप बहुत ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं, अधिकांश धीरे-धीरे डेवलप होते हैं.

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, इस प्रकार हैं थायरॉइड कैंसर के संकेत और लक्षण
एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, थायरॉइड कैंसर के कारण आपके शरीर में यह लक्षण देखें जा सकते हैं…
- निगलने में कठिनाई
- गांठ या बढ़े हुए लिम्फ नोड
- गर्दन या गले में दर्द (आपकी गर्दन के सामने दर्द होना, या ऐसा महसूस होना जैसे कोई चीज आपकी गर्दन पर दबाव डाल रही है)
- लगातार खांसी
- थायरॉइड नोड्यूल (थायरॉइड कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण थायरॉइड ग्रंथि में गांठ)
- आवाज में परिवर्तन, जिसमें स्वर बैठना भी शामिल है
- सांस लेने में तकलीफ
- खले में खराश
- गर्दन के किनारे पर एक गांठ (या गांठें)
- वजन घटना
- नरम मल या दस्त
नोट: इनमें से कई लक्षण गैर-कैंसर संबंधी स्थितियों या गर्दन के क्षेत्र के अन्य कैंसर के कारण भी हो सकते हैं. थायरॉयड में गांठ होना आम बात है और आमतौर पर यह कैंसर नहीं होता है. फिर भी, अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है ताकि कारण का पता लगाया जा सके और जरूरत पड़ने पर उसका इलाज किया जा सके.