महंगाई निचले स्तर पर पहुंचने और उम्मीदें कम रहने के कारण आरबीआई जून और अगस्त में रेपो दर में कटौती कर सकता है.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून और अगस्त में ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती संभव है. ऐसा एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंचने और उम्मीदें कम रहने के कारण आरबीआई कटौती कर सकता है.
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि बढ़ती अनिश्चितता वाले आर्थिक माहौल को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच कुल ब्याज दरों में कटौती 100 आधार अंकों से अधिक हो सकती है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) के लिए सकल घरेलू उत्पाद की बढ़ोतरी दर नीचे की ओर झुकाव के साथ 6.3 फीसदी रहेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने महंगाई कई वर्षों के निचले स्तर पर है और आगे भी महंगाई के नरम रहने की उम्मीद है. इसलिए हम जून और अगस्त में ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद करते हैं. हमारा मानना है कि अनिश्चित विकास परिवेश के कारण कुल ब्याज दरों में कटौती 100 आधार अंकों से अधिक हो सकती है. हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में सकल घरेलू उत्पाद की बढ़ोतरी दर 6.3 महंगाई रहेगी, जिसमें गिरावट का अनुमान है.
अप्रैल में भी रेपो रेट में हुई कटौती
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 9 अप्रैल को रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की, जिससे यह 6.25 फीसदी से घटकर 6 फीसदी हो गई. हाल के महीनों में यह लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती है. 7 फरवरी को केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था.