सरकार ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि पिछले सप्ताह संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम मंगलवार से लागू हो गया है.
पिछले हफ्ते संसद के दोनों सदनों से पारित हुए वक्फ संशोधन बिल 2025 कानून बन चुका है. इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि पिछले सप्ताह संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम मंगलवार से लागू हो गया है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है, “वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की धारा 1 के सब-सेक्शन (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 8 अप्रैल 2025 को उस तारीख के रूप में नियत करती है, जिसको उक्त अधिनियम के प्रभावी होगा.”
राष्ट्रपति की मंजूरी
बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमशः 3 अप्रैल और 4 अप्रैल की मध्य रात्रि के बाद विधेयक पारित किया था. सदन से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा गया था, जहां उन्होंने पांच अप्रैल को प्रस्तावित कानून को अपनी मंजूरी दे दी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने जहां विधेयक का समर्थन किया. वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी सांसदों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन ने पिछड़े मुसलमानों और समुदाय की महिलाओं के लिए पारदर्शिता और सशक्तिकरण का एक बल बताया है. विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि यह मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन करता है.
किसने दायर की याचिकाएं?
इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), AIMIM प्रमुख असदुद्दीन, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने याचिकाएं दायर की हैं. बता दें कि लोकसभा में 288 सदस्यों ने इसका समर्थन किया था, जबकि 232 सदस्यों ने इसका विरोध किया था. वहीं, राज्य सभा में इसके पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े थे.