संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति साफ की थी, जिसमें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख नेता शामिल हुए थे. अब खबर आ रही है कि एक साथ 15 मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है.
बिहार के मोतिहारी जिले में वक्फ बिल पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के रुख के बाद मुस्लिम नेताओं का पार्टी से लगाव पूरी तरह खत्म होता दिख रहा है. वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद मोतिहारी जिले में एक साथ 15 मुस्लिम नेताओं ने नाराज होकर जेडीयू छोड़ दिया है. इस सिलसिले में जेडीयू के मुस्लिम नेताओं द्वारा इस्तीफा देने का दौर जारी है. मोतिहारी के ढाका मुस्लिम बहुल है विधानसभा क्षेत्र है. यहीं के नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया.
इस्तीफा देने वाले नेताओं का नाम
जदयू के जिन नेताओं इस्तीफा दिया है उनमें प्रखंड अध्यक्ष युवा जदयू ढाका गौहर आलम, कोषाध्यक्ष मो. मुर्तुजा, प्रखण्ड उपाध्यक्ष युवा जदयू मो० शबीर आलम, नगर सचिव जफीर खान, नगर महासचिव मो. आलम, प्रखंड महासचिव युवा जदयू मो. तुरफैन, नगर उपाध्यक्ष मो. मोतिन, करमावा पंचायत युवा अध्यक्ष सुफैद अनवर, युवा प्रखंड उपाध्यक्ष मुस्तफा कमाल (अफरोज), प्रखंड सचिव युवा जदयू फिरोज सिद्धीको, नगर महासचिव सलाउद्दीन अंसारी, नगर महासचिव सलीम अंसारी, नगर सचिव एकरामुल हक, नगर सचिव सगीर अहमद हैं.
पार्टी का दावा – कोई नाराजगी नहीं है
पार्टी की प्रवक्ता अंजूम आरा ने कहा था कि विधेयक पर विचार के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति में जदयू ने जो पांच सुझाव दिए थे, उन्हें विधेयक में शामिल किया गया. इस विधेयक के तहत मस्जिदों और दरगाहों जैसे धार्मिक स्थलों को किसी भी तरह से खतरा नहीं है. उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार की सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जाएगी और पार्टी का पक्ष पहले की तरह मजबूत रहेगा.
