मुंबई: महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा भड़कने के छह दिन बाद रविवार को शहर के शेष चार इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की मजार को हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान सोमवार रात मध्य नागपुर इलाकों में हिंसक भीड़ ने उत्पात मचाया.
अधिकारियों के मुताबिक 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद, कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था. इससे पहले 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से और 22 मार्च को पचपावली, शांति नगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामबाड़ा क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया था.
संवेदनशील इलाकों में गश्त जारी रहेगी
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने रविवार को शेष बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर थाना क्षेत्रों में दोपहर 3 बजे से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया. एक अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी.
बता दें कि 17 मार्च को नागपुर के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की खबरें आई थीं. हिंसा में पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
दंगाइयों से वसूलेगी संपत्ति का पैसा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि सरकार हाल ही में नागपुर में हुई हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई संपत्ति की कीमत दंगाइयों से वसूलेगी और अगर आवश्यक हुआ तो बुलडोजर चलाएगी. उन्होंने कहा कि यदि हिंसा करने वाले लोग क्षतिपूर्ति करने में विफल रहे तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और नुकसान की भरपाई के लिए उसे बेच दिया जाएगा.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अशांति के दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.