Thursday, March 20, 2025

नागपुर हिंसा : विवाद की कैसे हुई शुरुआत और किसने क्या कहा, एक नजर

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औरंगजेब की कब्र को लेकर उठा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसकी शुरुआत कैसे हुई, जानिए.

Nagpur Violence

मुंबई : महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी गठबंधन पर तीखा निशाना साधा है. कांग्रेस ने राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के लिए फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास होम मिनिस्ट्री है और वे सांप्रदायिक हिंसा के लिए छावा फिल्म को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सुप्रिया ने कहा कि यदि ऐसा है, तो क्या सीएम झुनझना बजाने के लिए सत्ता में बैठे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के नफरती भाषण की वजह से माहौल बिगड़ा है.

विधानसभा में प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि इस घटना के लिए फिल्म छावा जिम्मेदार है. उनके अनुसार छावा फिल्म की वजह से लोगों में औरंगजेब के प्रति गुस्सा को भड़का दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा की शुरुआत एक अफवाह की वजह से हुई. इस अफवाह में यह कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर पर धार्मिक चिन्ह था, जिसे जलाया गया. इस अफवाह के बाद ही दोनों पक्षों में गुस्सा भड़का. कुछ लोगों ने पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की.

हालात को संभालने के लिए जब पुलिस आई, तो पुलिस वालों पर भी हमला किया गया. इस हमले में 33 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. डीसीपी स्तर के तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हुए.

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उद्धव ठाकरे सरकार पर बरसे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर भाजपा को हरे रंग से दिक्कत है तो वह अपने झंडे से इस रंग को हटा दे. उन्होंने कहा कि हिंसा की साजिश किसने रची, सरकार जल्द बताए. उद्धव ने कहा कि औरंगजेब तो 400 साल पहले आया था और इतनी पुरानी बात निकालना चाहते हैं तो निकालिए, उसका कब्र भी उखाड़ दीजिए, लेकिन इससे पहले आप चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी जरूर बुलाइए.

क्या कहा विश्व हिंदू परिषद ने

विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक खत्म हो गया था, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने एक धर्मस्थल पर जाकर साजिश रची और उन्होंने हमलोगों पर सीधा हमला कर दिया.

क्या कहा मंत्री नितेश राणे ने

महाराष्ट्र में मंत्री नितेश राणे ने पूरी घटना के लिए अबु आजमी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काई गई है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की शांति की अपील

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें और नागपुर शहर का इतिहास शांति बनाए रखने के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी गलती की है, सरकार उसे नहीं छोड़ेगी.

मायावती बोलीं- मजार और कब्र पर हमला ठीक नहीं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कब्र और मजार की रक्षा करे. उन्होंने कहा कि इसे क्षति पहुंचाना ठीक नहीं है.

जानें विवाद की क्या है असली वजह

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आपको बता दें कि फिल्म छावा 14 फरवरी को रिलीज हुई थी. फिल्म संभाजी महाराज पर आधारित है. इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म पर औरंगजेब के क्रूर शासन को लेकर बहस तेज हो गई. संभाजी महाराज के साथ औरंगजेब ने कितनी नृशंसता की, फिल्म में इसे प्रमुखता से दिखाया गया है.

इसी बीच सपा नेता अबु आजमी का एक बयान सामने आया. उन्होंने औरंगजेब की प्रशंसा में कुछ बातें कहीं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने यूं ही 52 सालों तक शासन नहीं किया, यदि वह हिंदुओं को मुसलमान ही बनाता रहता तो कल्पना कीजिए कि कितने हिंदुओं का धर्म परिवर्तन हो गया होता. उन्होंने यह भी कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि सत्ता और संपत्ति हासिल करने के लिए संघर्ष हुआ करता था.

अबु आजमी के बयान से इतना अधिक गुस्सा भड़का कि उन्हें माफी मांगनी पड़ गई. इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.

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महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जिस व्यक्ति ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातनाएं दीं, उनकी आंखें निकाल लीं, जीभ काट ली और उसके बाद हत्या कर दी, ऐसे व्यक्ति को कोई अच्छा कहे, यह किसी पाप से कम नहीं है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग औरंगजेब की तारीफ करते हैं, वे सही नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी औरंगजेब की तारीफ की.

इस बीच महाराष्ट्र के नेताओं ने औरंगजेब के कब्र को लेकर बयान जारी करने शुरू कर दिए. राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नितेश राणे और सांसद नवनीत राणा ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर दी. तेलंगाना में भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी ऐसी ही मांग की.

इस मांग के समर्थन में संभाजीनगर में विरोध प्रदर्शन हुए. बजरंग दल ने कहा कि अगर सरकार इस कब्र को नहीं हटाती है तो वे अपनी ओर से इसके लिए प्रयास करेंगे. उन्होंने कार सेवा का ऐलान किया.

इन्हीं विवादों के बीच नागपुर में किसी ने अफवाह फैलाई कि एक धर्मग्रंथ को जला दिया गया है. इसके बाद उनके समर्थकों ने इसका विरोध किया. पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. मारपीट की गई. लाठी-डंडे चले. पुलिस को भी चोटें लगी हैं. पुलिस के अनुसार 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. पांच एफआईआर दर्ज किए गए हैं.

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारी मजबूरी है कि हम औरंगजेब की कब्र की रखवाली के लिए सरकारी कोष से पैसे खर्च कर रहे हैं, क्योंकि इस स्थल को एएसआई का संरक्षण हासिल है.

पुलिस ने क्या कहा

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है.

पुलिस ने कहा कि नागपुर के ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाका है. उनके अनुसार यहां पर रात के साढ़े 10 बजे के आसपास झड़प हुई. इसके बाद तुरंत ही भीड़ बेकाबू हो गई. उन्होंने घरों और आसपास खड़ी गाड़ियों पर हमले किए. वहां पर तोड़फोड़ की.

पुलिस ने बताया कि हिंसा की घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित चिटनिस इलाका हुआ. वहां से लेकर तालाब मार्ग तक हिंसा की घटनाएं हुईं. महल इलाके में चिटनिस पार्क के पास ओल्ड हिसलोप कॉलेज इलाके के कुछ निवासियों ने शाम करीब साढ़े सात बजे एक भीड़ ने उनके इलाके में हमला बोल दिया और उनके घरों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए तथा गलियों में खड़ी कई कारों में तोड़फोड़ की.

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