लातेहार. जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना मजाक बनकर रह गई है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में कई ऐसी ग्रामीण सड़के हैं जो वर्षों से अधूरी पड़ी हुई हैं. सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आरोप है कि सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करने के प्रति ना तो जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय दिख रहा है और ना ही विभागीय अधिकारी ही इस पर कोई कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं.
दरअसल लातेहार जिले के विभिन्न गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण की स्वीकृति की गई थी. ग्रामीण सड़क योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ और निर्माण कार्य आरंभ भी किया गया. परंतु बरसों बीत जाने के बावजूद सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका. अधूरी सड़कों के कुछ उदाहरण निम्न सड़कें हैं.
मिट्टी की कटाई कर छोड़ दिया गया
लातेहार सदर प्रखंड के जगलदगा गांव को बनहरदी से जोड़ने के लिए 3 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना आरंभ की गई थी. सड़क को 1 साल के अंदर पूर्ण करना था. परंतु 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण का 10% कार्य भी नहीं हो पाया. ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक के द्वारा सड़क में सिर्फ मिट्टी की कटाई कर छोड़ दिया गया. जिसके कारण इस पर अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.
सदर प्रखंड के कोने गांव से नरेशगढ़ गांव तक सड़क निर्माण का कार्य 3 वर्ष पहले आरंभ किया गया था. परंतु इस सड़क का निर्माण कार्य भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इस महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण आदिवासी बहुल गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए किया गया था. सड़क का निर्माण अधूरा रहने से लोग काफी परेशान हैं.
संवेदक की लापरवाही के कारण सड़क अधूरी
3 वर्ष पहले ही लातेहार के अत्यंत दूरस्थ पंचायत पेशरार को रिचुघुटा स्टेशन से जोड़ने के लिए ग्रामीण सड़क योजना स्वीकृत की गई थी और इसका शिलान्यास भी हो गया था. परंतु संवेदक की लापरवाही के कारण यह सड़क भी आज तक अधूरी पड़ी हुई है. पेशरार पंचायत काफी पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता है. इस सड़क के निर्माण होने से इस पंचायत में आवागमन आसान हो सकता था.
4 वर्षों में भी पूर्ण नहीं हुई सड़क
जिले के गारू प्रखंड के अंतर्गत बारेसांढ़ से मायापुर तक बन रही 4 किलोमीटर की ग्रामीण सड़क तथा पहाड़कोचा से रामशैली तक 5 किमी की सड़क योजना 4 वर्षों में भी पूरी नहीं हो पाई है. संवेदक की इस लापरवाही के कारण ग्रामीणों को आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 21 – 22 में दोनों सड़कों का शिलान्यास किया गया था.
एक वर्ष में इस सड़क का कार्य पूर्ण कर लेना था. परंतु समय सीमा समाप्त हो जाने के बावजूद बी आज तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका है. दोनों सड़कों का निर्माण एके और आरके कंस्ट्रक्शन के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. इधर सड़क नहीं बनने से ग्रामीणों को आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पोचरा और पांडेयपुर पंचायत को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क भी है अधूरी
सदर प्रखंड के पोचरा और पांडेयपुर पंचायत को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए 2 वर्ष पूर्व ही ग्रामीण सड़क का शिलान्यास किया गया था. पिछले वर्ष ही सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करना था. परंतु उक्त दोनों सड़कें भी आज तक अधूरी हैं. दोनों सड़कों की स्थिति ऐसी हो गई है कि इस पर यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है.
संवेदकों को दिया गया है नोटिस, मार्च के बाद होगी कार्रवाई
वहीं इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश बड़ाईक का कहना है कि काम को अधूरा छोड़ने वाले संवेदक को नोटिस दिया गया है. यदि संवेदक के द्वारा जल्द ही काम को पूरा नहीं किया जाता तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.