सरकार वित्त वर्ष 26 में एलआईसी की 2-3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.
केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान जीवन बीमा निगम (LIC) में 2-3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है, जो बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार यह कदम 2027 तक 10 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता की नियामक आवश्यकता को पूरा करने की उसकी योजना के अनुरूप है.
एक बड़ी बिक्री के बजाय, हिस्सेदारी की बिक्री कई छोटे-छोटे हिस्सों में की जा सकती है, बशर्ते बाजार की स्थितियां अनुकूल हों. सरकार का लक्ष्य रणनीतिक और चरणबद्ध माध्यम से एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी के मूल्य को अधिकतम करना है.
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि इसका उद्देश्य एलआईसी के स्टॉक मूल्य को अधिकतम करना है, और बीमाकर्ता के बाजार आकार और पूंजीकरण को देखते हुए, किसी भी हिस्सेदारी की बिक्री से बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.
एकमुश्त पेशकश के बजाय, बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए बिक्री को दो चरणों में विभाजित किए जाने की संभावना है. यदि बाजार की स्थिति प्रतिकूल हो जाती है, तो सरकार विस्तार की मांग कर सकती है.
सरकार के पास एलआईसी का हिस्सा
वर्तमान में, सरकार के पास एलआईसी में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है. मई 2022 में बीमाकर्ता की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के बाद, जिसने 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के माध्यम से लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाए.
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने हाल ही में अगले तीन वर्षों में कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और एलआईसी सहित वित्तीय संस्थानों में अल्पमत हिस्सेदारी की बिक्री की निगरानी के लिए मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित की हैं.
सार्वजनिक शेयरधारिता के लिए विनियामक समयसीमा
शुरू में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एलआईसी के लिए 10 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियम का अनुपालन करने के लिए मई 2024 की समयसीमा तय की थी. हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर 16 मई, 2027 कर दिया गया, जिससे बीमाकर्ता को आवश्यकता को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 2027 की समय-सीमा तक अपनी हिस्सेदारी घटाकर 10 फीसदी करने का इरादा रखती है. लेकिन यदि बाजार की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रही तो वह एक और विस्तार की मांग कर सकती है.