खूंटी: जिले के मॉडल स्कूल के चार बच्चों का होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए चयन हुआ है. तीन बच्चे इसी महीने जाएंगे. दूसरे फेज के लिए भी बच्चों को तैयार किया जा रहा है. जो बच्चे बेंगलुरु होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए जा रहे हैं उनमें कुंदन कुमार कश्यप, अभिजीत कुमार और स्टीफन सांगा शामिल हैं.
2011 से संचालित इस मॉडल स्कूल में वर्तमान में 179 बच्चे इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कर रहे हैं. यहां पढ़ने वाले वैसे छात्र छात्राओं को तैयार किया जाता है जो खेल सहित अन्य क्षेत्रों में जाना चाहते हैं. वैसे छात्रों को स्कूल के शिक्षक स्पेशल ट्रेनिंग देते हैं ताकि अपना सपना साकार कर सके और जिले का नाम भी रोशन कर सके.
तीरंदाजी में कई छात्रों ने नेशनल गेम खेल कर जिले का नाम रौशन किया
हाल के दिनों में कई छात्र नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में खेल कर जिले का नाम रौशन कर चुके हैं और गोल्ड मैडल भी दिला चुके हैं. अब होटल मैनेजमेंट में रूचि रखने वाले कुंदन कुमार कश्यप, अभिजीत कुमार और स्टीफन सांगा को होली बाद बेंगलुरु भेजने की तैयारी है. चयनित छात्र बेंगलुरु स्थित होटल हेरिटेज में रहेंगे और वहां पढ़ाई करने के साथ-साथ उन्हें 7 हजार रुपये स्टाइपन भी दिया जाएगा.
चयनित छात्रों ने बताया कि होटल मैनेजमेंट करना उनका एक सपना था लेकिन आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण कुछ नहीं कर पा रहे थे. स्कूल में आने के बाद स्कूल के शिक्षकों ने उनकी रूचि के बारे में पूछा जिसके बाद उन्हें ट्रेंड किया गया. कभी अंग्रेजी नहीं जानने वालों को अंग्रेजी में ट्रेंड किया गया और आज वो होटल मैनेजमेंट करने जा रहे हैं.
क्षमता के आधार पर बच्चों को आगे बढ़ाया जाता है
वोकेशनल ट्रेनर अनुराग कुमार बरदियार ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में आगे बढ़ने की क्षमता है. उसी अनुसार उन्हें तैयार किया जा रहा है. होटल मैनेजमेंट कोर्स और टूरिज्म देने के साथ-साथ हाइजिंग, कम्युनिकेशन सिखाया जाएगा. इसके अलावा रहने खाने की सुविधा भी मिलेगी और स्टाइपन सात हजार रुपये भी दिए जाएंगे.
शिक्षक बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार तैयार करते हैं
वहीं स्कूल की प्रिंसिपल सरिता किंडो ने बताया कि बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार शिक्षक उन्हें तैयार कर रहे हैं. इसी दौरान होटल मैनेजमेंट में रुचि रखने वाले चार बच्चों को तैयार किया गया है. बेंगलुरु स्थि होटल हेरिटेज में उन्हें पढ़ाई से लेकर सारी सुविधाएं मिलेंगी. स्कूल में दो छात्र तीरंदाजी में नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं. जबकि एक बच्चा हाल ही में नेशनल गेम खेलने गया था.
शिक्षकों की संख्या है कम
उन्होंने बताया कि इस स्कूल में बच्चों की प्रतिभा के अनुसार शिक्षकों की संख्या कम है लेकिन जितने शिक्षक हैं, वह यहां के बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए काफी हैं. उन्होंने बताया कि यहां पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं और उनकी रुचि के अनुसार उनको तैयार किया जाता है ताकि वो अपने सपनों को साकार कर सकें. इसके लिए जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिलता है, जिसके कारण मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पूरा सहयोग मिलता है.