तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में 22 फरवरी को एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिसमें आठ श्रमिक फंस गए थे.
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए 22 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बचाव दल को अब तक एक श्रमिक का शव मिला है. फिलहाल सात अन्य की तलाश जारी है. पिछले 16 दिनों से सुरंग में फंसे इन श्रमिकों के भी बचने की उम्मीद बेहद कम है. 22 फरवरी को एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिसमें आठ श्रमिक फंस गए थे.
बचाव दल ने रविवार को जिस श्रमिक का शव बरामद किया है, उसकी पहचान गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने सिंह की दुखद मौत पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की.
अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में मदद करने के लिए केरल के शव जांच दल को लगाया गया था, जिसने सुरंग के अंदर मानव अवशेष पाए हैं.
बचाव अधिकारियों के अनुसार, मृतक गुरप्रीत सिंह सुरंग के ढहे हिस्से के अंदर एक मशीन में फंसा हुआ पाया गया. अधिकारी ने कहा, “हमें मशीन में एक शव फंसा हुआ मिला, जिसमें केवल हाथ दिखाई दे रहा था. बचाव दल फंसे हुए शव को निकालने के लिए मशीन को काटा.”
इससे पहले, तेलंगाना के सिंचाई और नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने घोषणा की था कि नागरकुरनूल जिले के डोमलपेंटा के पास एसएलबीसी सुरंग में चल रहे बचाव अभियान को गति देने के लिए रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इस घटना को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 14 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंतिम हिस्से में चुनौतियों से निपटने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.
उत्तम रेड्डी ने बताया कि केरल से लाए गए शवों को खोजने वाले कुत्तों ने एक खास स्थान पर तेज गंध का पता लगाया, जो तीन व्यक्तियों की मौजूदगी का संकेत देता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिवारों की हरसंभव मदद करेगी.