रांची:राज्य के वृद्ध, दिव्यांग और विधवा को 2500 रुपये पेंशन देने की मांग को लेकर सदन में गुरुवार को झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान जमकर हंगामा होता रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने के पश्चात विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में 18 से 50 साल तक की महिलाओं को 2500 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है, लेकिन जब वही मंईयां 51 साल की हो जाती है तो पेंशन की राशि घटकर 1000 रुपये हो जाती है. उन्होंने कहा कि यह व्यवहारिक दृष्टिकोण से सही नहीं है.
भाजपा विधायकों ने किया हंगामा
सत्येंद्र नाथ तिवारी के इस सवाल पर सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव का भी समर्थन मिला. रामेश्वर उरांव ने भी सरकार को इस पर विचार करने की सलाह दी. यह मामला सदन में तूल पकड़ा और भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया और वित्त मंत्री से हां या ना में जवाब मांगने पर दबाव डालने लगे. सरकार के रुख से नाराज भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर विरोध जताया.
जरूरतमंदों की हो रही उपेक्षा-बाबूलाल
सदन की कार्यवाही से वॉक आउट करने के बाद विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सबसे अधिक जरूरतमंद दिव्यांग, विधवा और वृद्ध होते हैं, जिसे सरकार ने उपेक्षित कर रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार से जब सदन में इस संबंध में जवाब मांगा गया तो सरकार उत्तर देने के बजाय अपनी जिद पर अड़ी रही.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यह कहां का न्याय है कि 18 से 50 साल की महिलाओं को सरकार 2500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता दे और यही महिला जब 51 वर्ष की हो जाएं और जब उनको अधिक जरूरत होती है तो उनकी पेंशन राशि घटकर 1000 रुपये कर दी जाए. इसी तरह दिव्यांग, विधवा और वृद्ध महिला को ढाई हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता से दूर रखा जाए.
जब यह मामला सदन में विपक्ष के द्वारा उठाया जाता है तो सरकार जवाब देने से भागती है. इससे साफ स्पष्ट होता है कि इनकी मंशा क्या है. नेता प्रतिपक्ष को लेकर चल रही कवायद पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इसके लिए अभी प्रतीक्षा करिए.