धनबादः ठंड के मौसम में कुत्ते काफी आक्रमक हो जाते हैं. इस कारण आए दिन लोगों को शिकार बनाते हैं. धनबाद में अगस्त 2024 से अब तक के डॉग बाइट के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. एएनएमएमसी अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात माह में 13,528 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं. हर दिन औसतन सैकड़ों लोग आक्रमक कुत्तों का शिकार बनते हैं. सड़कों और गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्ते ठंड के मौसम में काफी आक्रमक हो जाते हैं. आने-जाने वाले लोगों को देखकर कुत्ते झपट पड़ते हैं.
सात माह के आंकड़े चौंकाने वाले
एसएनएमएमसी अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2024 के अगस्त महीने में 1308 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बनाया. इतने लोग एंटी रेबीज लेने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. कुछ इसी तरह से सितंबर महीने में 1,47O डॉग बाइट के मामले सामने आए. जबकि अक्टूबर महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 1,854 पहुंच गया. वहीं नवंबर महीने में 2,204, दिसंबर महीने में 2,659. वहीं साल 2025 जनवरी महीने में 2,349 और अब तक के फरवरी महीने में 1,684 डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं. इन सात महीनों में कुल 13,528 डॉग बाइट के मामले सामने आए.अगस्त के बाद सितंबर से धीरे-धीरे डॉग बाइट के मामले बढ़ जाते हैं. फरवरी से फिर आंकड़ों की रफ्तार धीमी हो जाती ह
वर्ष 2024 में डॉग बाइट के आंकड़े
वहीं हम पिछले साल 2024 की फरवरी महीने की बात करें तो 1,750 डॉग बाइट के मामले, मार्च में 2314, अप्रैल में 1881, मई में 1620,जून में 1652, और जुलाई में 1559 डॉग बाइट के मामले सामने आए. पिछले साल 2024 में मार्च से जुलाई की आकंड़ों पर गौर करें तो 9006 डॉग बाइट के मामले देखने को मिले. साल 2024 के अगस्त महीने से इस वर्ष के फरवरी तक में 4522 डॉग बाइट के मामले में वृद्धि हुई.
पशुपालन पदाधिकारी ने दी जानकारी
इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि ठंड और बरसात दोनों मौसम में डॉग बाइट के मामले में वृद्धि होती है. फीमेल डॉग सीजनल ब्रीडर होती हैं. यही इसका मुख्य कारण है. उन्हें साल में दो बार पीरियड आते हैं. पहला ठंड और दूसरा बरसात का मौसम. डिस्चार्ज के दौरान फ्यूरोमिनल्स स्मेल से मेल डॉग रिएक्ट करते हैं. कुत्ता का नाक काफी सेंसेटिव होता है. उनके सूंघने की क्षमता काफी होती है. उस इंटेंशन में डॉग काफी अग्रेसिव होते हैं. ठंड और बरसात उनका ब्रीडिंग सीजन होता है.