25 जुलाई 1973 को जन्मे जीवेश कुमार का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है. आज वह दूसरी बार बिहार सरकार में मंत्री पद की शपथ लेंगे.
साल के अंत में होने वाले चुनाव में जाने से पहले बिहार की नीतीश सरकार बुधवार को अपना आखिरी कैबिनेट विस्तार करने जा रही है. यह कैबिनेट विस्तार शाम 4 बजे राजभवन में होगा. इसमें कुल 7 विधायक कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सारावगी, जीवेश मिश्रा, सुनील कुमार और मोती लाल प्रसाद मंत्री पद की शपथ लेंगे. इन सभी चेहरों में जीवेश मिश्रा इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं जो पहले भी नीतीश सरकार का हिस्सा रह चुके हैं और अब चुनावी साल में बीजेपी ने एक बार फिर से उन पर दांव लगाया है.
जीवेश मिश्रा दूसरी बार बनेंगे मंत्री
25 जुलाई 1973 को जन्मे जीवेश कुमार का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है. मिथिला विश्वविद्यालय से पढ़े-लिखे जीवेश कुमार ABVP से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. 1981 से 1998 तक वे ABVP के सक्रिय सदस्य रहे. 1998 से 2002 तक भाजपा के प्राथमिक सदस्य के रूप में कार्य किया. 2002 से वे भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं. 2015 में पहली बार जाले विधानसभा से विधायक चुने गए. इसके बाद 2020 में उन्होंने 21,796 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. इस जीत के बाद उन्हें बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया था. लेकिन गठबंधनों के बनने और बिगड़ने की वजह से वह 2024 में बिहार में दोबारा एनडीए सरकार बनने के बावजूद मंत्री नहीं बन पाए थे. लेकिन पार्टी ने अब उन्हें दोबारा मंत्री बनाने का फैसला किया है.
भूमिहार समाज से आते हैं जीवेश
दरभंगा से आने वाले जीवेश मिश्रा जाति से भूमिहार (सवर्ण) हैं. जो कि बिहार में पांरपरिक रूप से बीजेपी का वोट बैंक रहा है. लेकिन पिछले कुछ चुनाव में जिस तरह से भूमिहार जाति का वोट कांग्रेस और आरजेडी की तरफ शिफ्ट हुआ है. उसे देखकर बीजेपी एक बार फिर अपने वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करने में जुट गई है.