Tuesday, February 25, 2025

घर में गैरकानूनी तौर पर पशु-पक्षी पालना अपराध है. तोता पालने पर आपको 7 साल की सजा भी हो सकती है. जानिये कैसे.

Share

Keeping birds is a crime

हजारीबाग: कहीं आपका मिट्ठू आपको जेल ना भिजवा दे. यह सुनने में विचित्र लग रहा हो लेकिन यह सच्चाई है. तोता पालना गैरकानूनी है. अगर कोई व्यक्ति वन विभाग को इसकी सूचना देगा तो जेल का रास्ता आपके लिए खुल सकता है. इसलिए सावधान हो जाइए. अगर आपने घर में मिट्ठू पाल रखा है तो उसे तुरंत आजाद कर दीजिए या फिर पास के चिड़ियाघर में दे आएं.

पक्षियों या वन्यजीवों को पालना गैर कानूनी है

तोता पालना लोगों का शौक होता है. लोग अपने घर में तोता पालकर उसे बोलना भी सिखाते हैं. जब वह बात करता है तो बेहद खुशी भी होती है. दरअसल तोता पालना गैर कानूनी है लेकिन जानकारी के अभाव के कारण लोग घर में तोता पालते हैं. तोता पालन करते हुए पाए जाने पर वन्य अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसमें सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है.

तोते की प्रजातियों को अनुसूची-1 में शामिल किया गया है. इन प्रजातियों को संरक्षित करना शासन की जिम्मेदारी है. देसी पक्षियों को पालना प्रतिबंधित है. घर के आसपास उड़ने वाले पक्षियों को कैद नहीं कर सकते हैं. प्राकृतिक वातावरण में रहने वाले पक्षियों को पालना पशु क्रूरता के अंतर्गत आता है.

घर में पक्षियों या वन्यजीवों को रखने पर सजा हो सकती है

पूर्वी वन प्रमंडल के डीएफओ विकास कुमार उज्ज्वल बताते हैं कि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संरक्षित पक्षियों या वन्यजीव को किसी ने घर में पाल कर रखा हुआ है तो उसे चिड़ियाघर में छोड़ सकते हैं. इस संबंध में अगर कोई व्यक्ति शिकायत करता है, इसके बाद पक्षी या वन्यजीव का रेस्क्यू किया जाता है, तब वन्यजीव प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.

दूसरी तरफ आम जनता से यह भी अपील की गई है कि इस तरह किसी व्यक्ति ने पक्षी या वन्यजीव को रखा हुआ है तो उसकी शिकायत गोपनीय ढंग से कर सकते हैं. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा और जिस व्यक्ति ने पक्षी या वन्यजीव को रखा हुआ है, उस पर एक्शन लिया जाएगा.

आपका मिट्ठू आपको जेल भिजवा सकता है. इसलिए सावधान हो जाइए. आपने तोता पाल रखा है तो कैद से मुक्त कर दीजिए. नहीं तो 7 साल की सजा भी हो सकती है. तोता पालना गैर-कानूनी है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत तोता पालना गैर-कानूनी है. तोते की खरीदी, बिक्री और पालन करना अपराध है. शिकायत होने पर सात साल तक की जेल हो सकती है.

तोता पालने से जुड़ी कुछ और खास बातें

  • भारत में पाए जाने वाले सभी तोते प्रतिबंधित हैं
  • एलेक्जेंडर तोते, रेड ब्रेस्टेड तोते और इंडियन रिंगनेक तोतों को पालना मना है
  • इन पक्षियों को बेचना और खरीदना भी मना है
  • पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम 1960 के तहत, किसी पशु को इस तरह से रखना अवैध है, जिससे उसे चलने-फिरने का उचित अवसर न मिले
  • पक्षियों के लिए इसका मतलब है उड़ान
  • जो भी पक्षी नेचुरल एनवायरमेंट में रह रहा है, उसे कब्जे में लेना क्रूरता के अंतर्गत आता है
  • विदेशी पक्षियों को घर में पालने के लिए वन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होता है

Read more

Local News