Friday, January 31, 2025

90 हजार रुपये में होगा MBBS, डॉक्टर बनने का सपना होगा साकार, जानें कितनी हैं सीटे? – NEET UG 2025

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नई दिल्ली: हर साल देशभर में MBBS डॉक्टर बनने के लिए लगभग 12-13 लाख स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा पास करते हैं. इनमें से करीब 56 हजार स्टूडेंट्स ही ऐसे होते हैं, जिनका सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन होता है, जबकि ज्यादातर छात्रों को प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लेना पड़ता है.ऐसे में इन छात्रों को एडिमशन लेने के लिए मोटी फीस देनी होती है.

ऐसे में ऊंची फीस की वजह से कुछ छात्रों के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा मेडिकल कॉलेज भी है, जहां से आप बेहद कम फीस देकर एडमिशन ले सकते हैं और अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार कर सकते हैं.

बता दें इस मेडिकल कॉलेज का नाम मद्रास मेडिकल कॉलेज है. यह मेडिकल कॉलेज तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित है. यह देश के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक है. इसकी स्थापना 1835 में हुई थी. इस मेडिकल कॉलेज में न केवल क्वॉलिटी पढ़ाई होती है, बल्कि इसकी फीस भी कम है.

90 हजार रुपये में हो जाता है MBBS
मद्रास मेडिकल कॉलेज का शुमार देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में होता है. NIRF रैंकिंग 2024 की मेडिकल कॉलेजों की कैटेगरी में इसे 10वीं रैंक मिली है. मद्रास मेडिकल कॉलेज में MBBS की फीस 18,073 रुपये प्रति वर्ष और कुल फीस करीब 90 हजार रुपये है. इस कॉलेज में एमबीबीएस की ट्यूशन फीस मात्र 68,018 रुपये है. यहां एडमिशन लेने के समय छात्रों को 19,215 रुपये एडमिशन के तौर पर जमा करने होते हैं.

मद्रास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कितनी सीटें?
मद्रास मेडिकल कॉलेज में MBBS की कुल 250 सीटें हैं. इसमें से 15 फीसदी सीटों (लगभग 37) पर ऑल इंडिया कोटे से , जबकि बाकी 85 प्रतिशत पर स्टेट कोटे से एडमिशन होता है. गौरतलब है कि 2024 में छह राउंड की काउंसलिंग के बाद मद्रास मेडिकल कॉलेज की NEET-UG 2024 कटऑफ रैंक (जनरल कैटेगरी, ऑल इंडिया कोटा) 2048 थी.

मद्रास मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट दी गई जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल के रूप में इसकी स्थापना 1664 में हुई थी. वहीं, मेडिकल कॉलेज कॉलेज की शुरुआत 1835 में हुई. उल्लेखनीय है कि 1996 में जब मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई रखा गया था, तो इस कॉलेज का नाम भी चेन्नई मेडिकल कॉलेज हो गया था, लेकिन फिर से इसका नाम मद्रास मेडिकल कॉलेज कर दिया गया.

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