नई दिल्ली: 1 जनवरी 2026 यह वो तारीख है, जिस दिन 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाना है. इस नए वेतन आयोग को इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार को मंजूरी मिली थी. इससे देश के 50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होने की उम्मीद है. 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में संशोधन किया जाएगा.
नया आयोग सैलरी और पेंशन में एडजस्टमेंट का मूल्यांकन करेगा. इस दौरान फिटमेंट फैक्टर और मिनिमम सैलरी स्टैंडर्ड जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं
गौरतलब है कि सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रिफ्रेंस पब्लिश नहीं की हैं. हालांकि, बजट 2025 में टैक्सपेयर्स के लिए कई प्रस्ताव रखे गए हैं, लेकिन बजट दस्तावेजों में 8वें वेतन आयोग को लागू करने में केंद्र सरकार को होने वाली लागतों का उल्लेख नहीं किया गया है.
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू फिटमेंट फैक्टर है, जो सभी स्तरों पर वेतन और पेंशन को फिर से निर्धारित करने के लिए एक स्टैंडर्ड मल्टीप्लायर के रूप में कार्य करता है. इसमें कर्मचारी के ग्रेड या वेतन बैंड से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में पर्याप्त वृद्धि हुई थी. इसमें 2.57 के फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था. इसकी बदौलत कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी. इसी तरह, पेंशन में भी काफी संशोधन किया गया, जो 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई.
8वें वेतन आयोग के लिए संभावित फिटमेंट फैक्टर
हालांकि, 8वें वेतन आयोग के लिए आधिकारिक फिटमेंट फैक्टर का खुलासा होना बाकी है, लेकिन अनुमान है कि यह 2.5 के आसपास हो सकता है. इससे वेतन और पेंशन में काफी वृद्धि हो सकती है. यानी अगर किसी कर्मचारी के सैलरी 40 हजार है तो उसकी संभावित सैलरी एक लाख रुपये पहुंच सकती है.
फिलहाल, केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के बारे में टर्म ऑफ रिफ्रेंस को लेकर अपने निर्णय की घोषणा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि मार्च के अंत तक TPR की घोषणा की जा सकती है और अप्रैल के पहले सप्ताह में नए पैनल की घोषणा की जाएगी. हालांकि, अभी तक इसकी घोषणा नहीं हुई हैं.