शनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के वरिष्ठ सदस्यों ने पुष्टि की है कि सरकार जल्द ही टीओआर को मंजूरी दे देगी.
नई दिल्ली: 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रिफ्रेंस (ToR) जल्द ही स्वीकृत होने की संभावना है, जिससे वेतन, पेंशन और भत्ते संशोधन पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और केंद्र के बीच महत्वपूर्ण बातचीत का रास्ता साफ हो जाएगा.
नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के वरिष्ठ सदस्यों ने पुष्टि की है कि सरकार जल्द ही टीओआर को मंजूरी दे देगी, जिससे कर्मचारी यूनियनों को आधिकारिक तौर पर अपनी प्रमुख मांगें रखने का मौका मिलेगा.
एनसी-जेसीएम के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने एक न्यूज चैनल को दिए बयान में कहा, “हमें उम्मीद है कि टर्म ऑफ रिफ्रेंस को जल्द ही सरकार की मंजूरी मिल जाएगी. इसे जल्द से जल्द मंजूरी मिलनी चाहिए.” एनसी-जेसीएम यूनियन नेताओं और सरकारी अधिकारियों से मिलकर बना एक संयुक्त निकाय है, जिसका काम विवादों को सुलझाना और कर्मचारियों और केंद्र के बीच संवाद को सुव्यवस्थित करना है.
सरकार ने मांगे थे सुझाव
जनवरी में सरकार ने कर्मचारियों से ToR के बारे में सुझाव मांगे थे. जवाब में, NC-JCM ने कई जरूरी डिमांड्स को रेखांकित करते हुए एक मसौदा पेश किया, जिसमें न्यूनतम मजदूरी और फिटमेंट फैक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया. NC-JCM द्वारा प्रस्तावित एक बड़ा बदलाव मौजूदा तीन के बजाय पांच यूनिट की खपत जरूरतों के आधार पर न्यूनतम मजदूरी रीकैलकुलेशन करना है, जिसमें आश्रित माता-पिता के लिए अकाउंटिंग शामिल है.
मिश्रा ने तर्क दिया कि 7वें वेतन आयोग के तहत पहले का अप्रोच पुराना हो चुका है और मौजूदा फैमिली स्ट्रेक्चर को रिफ्लेक्ट करने में विफल है. उन्होंने कहा, “माता-पिता की देखभाल करना न केवल एक नैतिक कर्तव्य है, बल्कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2022 के तहत एक कानूनी दायित्व भी है.”
फोरम ने और क्या रखीं डिमांड?
NC-JCM ने अव्यवहार्य वेतनमानों (Unviable Pay Scales) का विलय की मांग की है, ताकि ठहराव को रोका जा सके. इसके अलावा पे लेवल 1 को लेवल 2 के साथ, लेवल 3 को लेवल 4 के साथ और लेवल 5 को लेवल 6 के साथ मिलाने का भी प्रस्ताव है.
साथ ही संसदीय सिफारिशों के अनुरूप हर पांच साल में पेंशन में आवधिक वृद्धि, 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन के साथ मिलाना, जो 5वें वेतन आयोग के तहत अपनाई गई प्रथा थी, लेकिन उसके बाद बंद कर दी गई. फिलहाल मार्च में लेटेस्ट संशोधन के बाद डीए 55 प्रतिशत है. इसे मूल वेतन के साथ मिलाने की मांग फिर से उठी है, क्योंकि मुद्रास्फीति पर्चेजिंग पावर को कम कर रही है.
8वें वेतन आयोग को मंजूरी
गौरतलब है कि 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन अभी तक पैनल का गठन नहीं किया गया है. इसका क्रियान्वयन 1 जनवरी, 2026 से होने की उम्मीद है, लेकिन पैनल की स्थापना और ToR को अंतिम रूप देने में देरी के कारण संभावित रूप से समयसीमा 2027 तक खिसक सकती है.वेतन आयोग आमतौर पर हर दशक में एक बार स्थापित किए जाते हैं और देश भर में एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे और सेवानिवृत्ति लाभों को संशोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.