Wednesday, January 22, 2025

28 जनवरी से शुरू होगा भारत रंग महोत्सव, प्रसिद्ध अभिनेता और NSD के पूर्व छात्र राजपाल यादव हैं इस बार के ‘रंग दूत

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नई दिल्ली: राजधानी में रंगमंच के शौकीन लोगों के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा द्वारा नाटकों के महा कुंभ का मेला लगने वाला है. NSD अपने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव, भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) के 25वें संस्करण का आयोजन करने जा रहा है. ‘भारंगम’ के नाम से लोकप्रिय यह महोत्सव, दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर उत्सव है, जो इस बार 28 जनवरी से 16 फरवरी, 2025 तक भारत, नेपाल और श्रीलंका के 13 शहरों में अपनी रंगत बिखेरेगा.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने बताया कि एनएसडी ‘वसुधैव कुटुम्बकम, बंदे भारंगम’ की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से इस महोत्सव की पहुंच को और व्यापक बना रहा है. इस बार ‘एक रंग : श्रेष्ठ रंग’ भारत रंग महोत्सव 2025 का यह नारा रचनात्मक अभिव्यक्ति में एकता और विविधता में एकता के भाव को दर्शाता है. इस भावना को आगे बढ़ाते हुए, प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी के पूर्व छात्र श्री राजपाल यादव को इस वर्ष के लिए रंग दूत (महोत्सव राजदूत) के रूप में चुना गया है.

नाट्य प्रदर्शनों को एक मंच मिला: चित्तरंजन त्रिपाठी ने आगे बताया कि, “भारत रंग महोत्सव अपनी व्यापक दृष्टि के साथ विश्व मंच पर एक अग्रणी रंगमंच महोत्सव के रूप में उभरा है. इसने न केवल दुनिया भर के नाट्य प्रदर्शनों को एक मंच प्रदान किया है, बल्कि विविध पारंपरिक कलाओं के संमिश्रण को भी प्रोत्साहित किया है. इसके साथ ही, इस महोत्सव ने नाट्य कला और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों के लोगों के बीच ज्ञान व विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाया है.”

यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा: 20 दिनों तक चलने वाले बीआरएम 2025 में 09 अलग-अलग देशों की 200 से ज्यादा अनूठी प्रस्तुतियों दिखाई जाएँगी, जिन्हें भारत और विदेशों में 13 स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा. इस महोत्सव में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समूह रूस, इटली, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य, नेपाल, ताइवान, स्पेन और श्रीलंका से शामिल हैं. पहली बार, भारत रंग महोत्सव अपनी सीमाओं से परे जा रहा है. इस बार नेपाल और श्रीलंका में भी इसके उप-अध्याय आयोजित किए जाएँगे. दिल्ली में मुख्य आयोजन के अलावा, भारत में अगरतला, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भटिंडा, भोपाल, गोवा, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़ और रांची जैसे शहरों में भी यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज होगा: त्रिपाठी बताया कि, “एनएसडी की विरासत को जारी रखते हुए, हम इस बार दो अंतरराष्ट्रीय म्थानों पर भारत रंग महोत्सव 2025 का आयोजन कर रहे हैं. आने वाले वर्षों में, हमारा लक्ष्य इस महोत्सव के दायरे को और व्यापक बनाना तथा इसे अन्य महाद्वीपों तक ले जाना है.” इसके अलावा, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने ‘विश्व जन रंग’ नामक एक नई पहल की शुरूआत की है. इसके अंतर्गत, दुनिया भर के सात महाद्वीपों में रहने वाले भारतीय और भारत के युवा कलाकार लघु नाटकों का ऑनलाइन प्रदर्शन करेंगे. यह पहल 2024 में जन भारत रंग’ परियोजना की सफलता से प्रेरित है, जिसने ‘एक समान विषय पर कलात्मक प्रदर्शनों की सबसे बड़ी संख्या’ के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन का प्रमाण पत्र हासिल किया था. एनएसडी को विश्वास है कि ‘विश्व जन रंग’ और महोत्सव के व्यापक स्वरूप के कारण, इस वर्ष भारत रंग महोत्सब ‘सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव (नाटकों)’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा पाएगा.

दिल्ली में 28 जनवरी 2025 को आयोजित होगा: बीआरएम 2025 का उद्घाटन समारोह 28 जनवरी 2025 को दोपहर 03 बजे नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा, जिसमें एनएसडी रेपर्टरी कंपनी द्वारा रंग संगीत नामक एक संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान, एनएसडी रेपर्टरी के कलाकार विभिन्न संगीत निर्देशकों द्वारा इसकी स्थापना के बाद से रचित गीतों की प्रस्तुति देंगे.

बता दें कि भारत रंग महोत्सब का 24वां संस्करण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की 65वीं वर्षगांठ और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की रिपर्टरी कंपनी की 60वीं वर्षगांठ के साथ हो रहा है. इस उपलक्ष्य में, रिपर्टरी कंपनी ‘रंग षष्ठी’ थिएटर फेस्टिवल शृंखला का आयोजन कर रही है, जिसमें देश भर के विभिन्न मंचों पर उनके कुछ प्रसिद्ध नाटकों का मंचन किया जाएगा. रेपर्टरी कंपनी बीआरएम 2025 के दौरान कोलंबो, काठमांडू, बेंगलुरु और गोवा जैसे शहरों में भी अपने नाटकों की प्रस्तुति देगी.

भारत रंग महोत्सव की शुरूआत: 1999 में भारतीय रंगमंच कलाकारों को एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य में हुई थी, आज एक समृद्ध ज्ञान-साझाकरण मंच के रूप में विकसित हो चुका है. यहां आप विभिन्न अनुभवों का आनंद ले सकते हैं. पूरे भारत से आए लोक और पारंपरिक कलाकार विभिन्न स्थानों पर अपनी प्रस्तुतियों देंगे. रंगमंच के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए निर्देशक-दर्शक संवाद, सेमिनार और मास्टरक्लाम का भी आयोजन किया जाएगा. साहित्य प्रेमियों के लिए ‘श्रुति’ नामक एक विशेष कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन और साहित्यिक चर्चा होगी। इसके अलावा, आप ‘रंग हाट’ में खरीदारी का आनंद ले सकते हैं और ‘फूड बाजार’ में स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं. यह सब मिलकर रंगमंच के जादू को और भी खास बना देगा.

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