धनबाद में वट सावित्री व्रत को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह है। पति की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि के लिए सुहागिनें व्रत रखेंगी और विशेष पूजा अर्चना करेंगी। वट सावित्री व्रत को लेकर बाजारों में रौनक है और मंदिरों में विशेष व्यवस्था की गई है। खड़ेश्वरी मंदिर और भुईफोड़ मंदिर में विशेष आयोजन किए जाएंगे जहां सत्यवान-सावित्री की कथा का श्रवण होगा और प्रसाद वितरण किया जाएगा।
धनबाद। पति की लंबी उम्र के साथ परिवार की सुख समृद्धि व मंगल कामना के लिए सोमवार को महिलाएं उपवास रखकर वट सावित्री व्रत करेंगी। पूजा को लेकर महिलाओं में उत्साह है। खासकर नवविवाहिताओं में इस व्रत को लेकर ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है। वे इसकी तैयारी में कई दिन पूर्व से ही लग चुकी हैं।
बाजार में पूजा की खरीदारी होने लगी है। वहीं शहर के मंदिरों में पूजा को लेकर विशेष व्यवस्था की जा रही है। गोल्फ ग्राउंड स्थित खड़ेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी राकेश पांडेय ने बताया कि वट सावित्री की पूजा को लेकर मंदिर में विशेष तैयारी की गई है।
इस पर्व में सुहागिनें अपने पति के दीर्घायु व संतान की कामना को लेकर भगवान से आराधना करेगी। वट वृक्ष के नीचे बैठक कर सुहागिन महिलाएं सत्यवान और सावित्री की कथा का श्रवण करेंगी।
पूजा सामग्री के अलावा श्रृंगार के दुकानों में लगी भीड़
वट सावित्री व्रत की पूजा धूमधाम से मनाने के लिए महिलाएं पूजा सामग्री के अलावा 16 श्रृंगार करने के लिए बाजार में खरीदारी कर रही हैं। शहर के हीरापुर बाजार, पुराना बाजार सहित अन्य जगहों पर महिलाएं खरीदारी करने के लिए आ रही है।
इसके अलावा कई महिलाएं अपनी सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए ब्यूटी पार्लर जाने और हाथों में मेहंदी लगाने में जुटी हुई है। रोहरगोडा के विक्रेता चंदन साव ने बताया कि वट सावित्री के लिए दान करने के आइटम की रेंज महज 30 रुपए से शुरू है। दान के लिए अभी से महिलाएं दान पैकेट खरीद रही हैं।
खड़ेश्वरी मंदिर में पूजा को लेकर विशेष तैयारी
गोल्फ ग्राउंड स्थित खड़ेश्वरी मंदिर में वट सावित्री पूजा को लेकर विशेष तैयारी की गई है। सुहागिन महिलाओं के पूजा करने के लिए सुबह के छह बजे मंदिर का पट खोल दिया जाएगा। दिन भर पूजन कार्यक्रम के बाद संध्या में मंदिर में सभी देवी देवताओं की आरती होगी। इसके बाद सभी भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाएगा।
भुईफोड़ मंदिर में विधिवत तरीके से होगी वट सावित्री की पूजा
वट सावित्री पूजा के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं को पूजा संपन्न करने के लिए मंदिर के पुजारी मौजूद रहेंगे, जो विधिवत तरीके से पूजा संपन्न कराएंगे। पूजा शाम तक चलेगी। श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण भी किया जाएगा।