एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाईकोर्ट का द्विवार्षिक चुनाव हंगामे और विरोध के कारण रद्द कर दिया गया. रिटर्निंग अफसर वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने चुनाव रद्द करने की घोषणा की. इस दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पर्यावक्षक एमके श्रीवास्तव व बालेश्वर सिंह भी मौजूद थे. उनकी मौजूदगी में हंगामा शुरू हुआ. बताया गया कि पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट स्टेट बार काउंसिल को दी जायेगी. मतगणना की प्रक्रिया के दौरान बैलेट बॉक्स खुलने के बाद वोट के अंतर से शुरू हुआ विवाद हंगामे में बदल गया. भारी विरोध और हंगामे के दौरान कई अधिवक्ता बीच-बचाव भी कर रहे थे.
1409 वोट पड़े, बैलेट में मिले 1509 वोट और शुरू हुआ हंगामा
कुछ लोगों ने वोट के अंतर को देखते हुए हंगामा कर दिया. कहा कि 1409 वोट पड़े हैं, लेकिन बैलेट बॉक्स खुलने पर बताया जा रहा है कि 1509 वोट पड़े हैं. 100 वोट का जो अंतर है, वह बोगस वोट है. इस पर रिटर्निंग अफसर ने हंगामा कर रहे अधिवक्ताओं से साक्ष्य देने को कहा, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं सामने लाया गया. हंगामा बढ़ता रहा. अधिवक्ताओं के बीच धक्का- मुक्की होती रही. बैलेट पेपर, कुर्सियां फेंकी गयीं.
- मतदान के बाद बताया गया कि 1409 मत पड़े, बैलेट बॉक्स खुला तो 1509 वोट पाये गये, इसी पर शुरू हुआ हंगामा
- बैलेट पेपर और कुर्सियां फेंकी गयीं, धक्का-मुक्की भी हुई, हंगामे में लाइब्रेरी में बने एक केबिन का शीशा भी टूटा
- हंगामा के दौरान पहुंची पुलिस, हंगामा कर रहे लोगों ने वीडियो बना रहे पुलिसकर्मियों का फोन छीनकर वीडियो डिलीट किया
7 पदाधिकारियों के लिए 37 और 9 कार्यकारिणी के लिए 41 प्रत्याशी
हंगामे के दौरान लाइब्रेरी में बने एक केबिन का शीशा भी टूट गया. हंगामे की सूचना पर विधानसभा थाना की पुलिस और हटिया डीएसपी पहुंचे. पुलिसकर्मी जब हंगामे का वीडियो बनाने लगे, तो कुछ लोगों ने उनसे मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया. एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव में पदाधिकारियों के 7 पद के लिए 37 और कार्यकारिणी के 9 पदों के लिए 41 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
शांतिपूर्ण रहा मतदान, बूथ में मोबाइल ले जाने की थी मनाही
इससे पहले गुरुवार को सुबह 10:30 बजे से एडवोकेट एसोसिएशन के द्विवार्षिक चुनाव के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मतदान शुरू हुआ. सबसे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपना वोट डाला. हाईकोर्ट परिसर के ब्लॉक-1 के एसोसिएशन लाइब्रेरी में मतदान के लिए 2 बूथ बनाये गये थे. मतदान के दौरान एडवोकेट एसोसिएशन या बार काउंसिल की ओर से जारी प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य किया गया था. अधिवक्ताओं को ड्रेस में ही वोट डालने का निर्देश था. बूथ के अंदर मोबाइल ले जाने की मनाही थी.
1904 में 1409 मतदाताओं ने किया मतदान
शुरू में मतदान की प्रक्रिया धीमी थी. हालांकि, मतदान का समय समाप्त होने तक लगभग 1409 अधिवक्ता अपना वोट डाल चुके थे. अंतिम समय में जो भी अधिवक्ता कतार में थे, उन्हें वोट डालने दिया गया. एसोसिएशन के चुनाव में 1904 मतदाता थे. मतदान के बाद शाम को पदाधिकारियों के लिए मतगणना की प्रक्रिया शुरू की गयी. बैलेट बॉक्स खोलकर मतों का बंडल अलग किया गया. इस दौरान 1509 वोट बताया गया. इसके बाद हंगामा शुरू हो गया.