देवघर के सारवां में एक दस वर्षीय बालक प्रीतम की मौत के बाद उसे दफना दिया गया था। पिता ने एक व्यक्ति पर पिटाई का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। एसडीएम के आदेश पर शव को तीन दिन बाद कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पिता का आरोप है कि आम तोड़ने पर प्रीतम की पिटाई की गई थी जिससे उसकी मौत हो गई।
देवघर तीन दिन पहले बेटे प्रीतम की मौत के बाद पिता राजेश यादव ने गांव के ही एक व्यक्ति पर पिटाई करने का आरोप लगाते हुए सारवां थाना में मामला दर्ज कराया।
आरोप लगाया कि पिटाई के कारण बेटे की मौत इलाज के क्रम में हो गयी। उसे इसका न्याय दिला दें। मामले में नया मोड़ तब आ गया जब एसडीएम ने मृतक के पिता की फरियाद पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दफनाए गए शव का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया।
अनुमंडल पदाधिकारी देवघर के आदेश के बाद दंडाधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम ने सारवां के अजय नदी घाट से किशोर के शव को निकाला और ताबूत में बंद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए देवघर सदर अस्पताल भेज दिया।
सदर अस्पताल में दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड के द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। मामला सारवां थाना क्षेत्र के मनीगढ़ी गांव का है।
आम तोड़ने पर पिटाई करने का आरोप
मनीगढ़ी गांव निवासी राजेश यादव के 10 वर्षीय पुत्र के शव को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सीओ राजेश कुमार साहा, थाना प्रभारी कौशल कुमार सिंह की उपस्थिति में निकाला गया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद थे। इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए शव को देवघर सदर अस्पताल भेजा दिया गया।
मृतक के पिता थाना क्षेत्र के मनीगढ़ी गांव निवासी राजेश यादव ने थाने में आवेदन देकर गांव के ही एक व्यक्ति पर पुत्र को मारपीट कर गंभीर करने और इस कारण इलाज के क्रम में उसकी मौत हो जाने का आरोप लगाया है।
इसके आलोक में एसडीएम देवघर के निर्देश पर सारवां सीओ राजेश कुमार साहा को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। दंडाधिकारी के मौजूदगी में शव को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
दिए गए आवेदन में पिता ने आरोप लगाया है कि सात मई को 12:30 बजे दिन में उनका नाबालिग पुत्र प्रीतम कुमार अपने हम उम्र मित्रों के साथ मनीगढ़ी स्कूल के बगल में गनू झा के आम के पेड़ पर चढ़कर आम तोड़ रहा था।
पेड़ से नीचे नहीं उतर पाया प्रीतम
इसी बीच गनू झा वहां आ गया और उसे देखकर सभी बच्चे भाग गए। आरोप है कि प्रीतम पेड़ से नीचे नहीं उतर पाया । उसको आरोपित ने जबरन नीचे उतारा और अपने दोनों हाथों से जान मारने की नीयत से उसके गर्दन को पकड़कर उसे जमीन पर पटक दिया। इस कारण वह बेहोश हो गया।
आनन-फानन में ग्रामीणों के सहयोग से उसे इलाज के लिए सारवां सीएचसी ले गया गया। वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल देवघर भेज दिया गया। जहां इलाज के क्रम में उसका सीटी स्कैन कराया गया।
बाद में इलाज के क्रम में उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मौत हो जाने के बाद गनू झा के सहयोगियों ने सांप काटने के कारण मृत्यु की अफवाह फैला दिया। उसके बाद बच्चे को दफना देने की सलाह दी। सभी की सलाह पर स्वजनों ने बच्चों को मनीगढ़ी घाट में शव को दफना दिया।
बाद में मृतक के साथियों ने स्वजनों को पूरी कहानी सुनायी। इसके बाद मृतक के पिता ने थाने में आवेदन देकर मामला दर्ज करवाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है।
एसडीएम देवघर के निर्देश पर दफनाए गए बच्चे का शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए देवघर सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा कि किस कारण से बच्चे की मौत हुई है। – राजेश कुमार साहा, प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी।