क्या डाबर की लोकप्रिय हाजमोला आयुर्वेदिक दवा है या कन्फेक्शनरी कैंडी. इसको लेकर डीजीजीआई जांच कर रहा है.
नई दिल्ली: डाबर इंडिया की लोकप्रिय हाजमोला कैंडी जीएसटी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की जांच के दायरे में है. सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीजीआई का कोयंबटूर जोन इस बात की जांच कर रहा है कि क्या हाजमोला कैंडी को आयुर्वेदिक औषधि माना जाना चाहिए, जिस पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाए या 18 फीसदी कर वाली कैंडी माना जाए. रिपोर्ट में कहा गया है कि डाबर ने दावा किया है कि हाजमोला कैंडी एक आयुर्वेदिक दवा है, न कि नियमित चीनी वाली कैंडी.
जीएसटी से पहले की व्यवस्था में डाबर को इसी प्रकार की वर्गीकरण चुनौती का सामना करना पड़ा था, जहां सर्वोच्च न्यायालय ने उसके पक्ष में फैसला देते हुए कहा था कि हाजमोला कैंडी एक आयुर्वेदिक औषधि है, न कि कोई कन्फेक्शनरी वस्तु.
डाबर पर कर मांग: रिपोर्ट
1 अप्रैल को डाबर ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 110.33 करोड़ रुपये की मांग वाले आयकर पुनर्मूल्यांकन आदेश का खुलासा किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि आयकर विभाग ने आंतरिक अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) से संबंधित और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 14ए के तहत कर कटौती के लिए गलत दावे किए जाने का आरोप लगाया है.
इस महीने की शुरुआत में डाबर ने कहा था कि उसे शहरी बाजारों में मंदी और मुद्रास्फीति के कारण परिचालन लाभ मार्जिन में 150-175 आधार अंकों की कमी के कारण मार्च तिमाही में अपने राजस्व में गिरावट की उम्मीद है.