बिहार में कानून व्यवस्था पर विपक्ष हमेशा ही हमलावर रहता है. सीतामढ़ी में हुई हत्याओं ने एक बार फिर से सवालिया निशान खड़ा कर दिया.
सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी में 3 घंटे में 3 murder से सनसनी फैल गई. पुपरी डीएसपी अतनु दत्ता ने कहा कि सभी मामलों में पुलिस जांच कर रही है. जल्द ही घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वैसे इस तरह की हत्याओं से पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे.
पहली घटना रीगा थाना क्षेत्र की है. जहां सोमवार की सुबह 7 बजे गेहूं के खेत में एक युवक का शव बरामद हुआ. इसके बाद घटना स्थल पर सैकड़ो की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. मृतक की पहचान सोनार टोला निवासी नंदलाल गिरी के 21 वर्षीय पुत्र रोशन कुमार के रूप में की गई. मृतक के शरीर पर चोट के निशान थे. घटना की जानकारी मिलते ही थाना अध्यक्ष संजीव कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन में जुट गए.

दूसरी वारदात 2 घंटे बाद यानी 9 बजे भिट्ठा के सुंदरपुर में हुआ. जहां प्रेमिका से मिलने गए प्रेमी को परिजनों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. मृतक की पहचान 22 वर्षीय युवक चिकनी गांव निवासी राजकुमार के रूप में की गई है. मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर छानबीन में जुट गई है. मृतक दिल्ली के होटल में काम करता था. कहा जा रहा है कि 5 वर्षों से राजकुमार का प्रेम प्रसंग सुंदरपुर की 35 वर्षीय महिला से चल रहा था.

तीसरी घटना एक घंटे बाद यानी 10 बजे सीतामढ़ी शहर के समीप हुई. मेहसौल थाना क्षेत्र के फिजिकल गली मोहल्ले में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इतना ही नहीं हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने का प्रयास भी किया गया. हालांकि आरोपी उसमें कामयाब नहीं रहा.
मृतक की पहचान स्थानीय थाना क्षेत्र के फिजिकल गली निवासी 28 वर्षीय आदित्य कुमार के रूप में हुई है. वहीं पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान प्रिंस कुमार के रूप में हुई है.
दोस्त बना कातिल : बताया जा रहा है कि आरोपी समस्तीपुर का रहने वाला है. यहां किसी दुकान में काम करता था. दोनों (मृतक और आरोपी) आपस में अच्छे दोस्त भी थे. पांच सात दिनों से दोनों का किसी मामले को लेकर विवाद चल रहा था. हालांकि पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है
”गिरफ्तार आरोपी प्रिंस कुमार के द्वारा यह बताया गया है कि हेलमेट से मार-मारकर आदित्य की हत्या कर दी गई है. फिर हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने की कोशिश की गई, ताकि पुलिस को आत्महत्या लगे.”– रामकृष्णा, सदर एसडीपीओ