Tuesday, April 1, 2025

सैलरी पाने वाले हो जाएं अलर्ट, एक अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्स से जुड़े ये नियम

Share

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 में कई अहम ऐलान किए गए थे, जो कि एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं.

नई दिल्ली: नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है. नए वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने वाले हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 में कई अहम ऐलान किए गए थे, जो कि एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. इन बदलाव का सीधा असर सैलरी पाने वाले लोगों की जेब पर पड़ेगा.

गौरतलब है कि नए नियमों में इनकम टैक्स में अधिक छूट से लेकर टीडीएस नियमों में हुए बदलाव भी शामिल हैं. वित्त मंत्री ने बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट बढ़ाई थी, जो एक अप्रैल से लागू हो रही है. इसके साथ ही अब 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले लोग इनकम टैक्स छूट के दायरे में आएंगे. पहले यह आंकड़ा 7 लाख रुपये पर था.

नए टैक्स स्लैब
सरकार ने नई टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब भी पेश किए हैं, जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. नई टैक्स रिजीम के तहत 4 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री होगी, जबकि 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये के बीच की इनकम पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा. वहीं, इनकम बढ़ने के साथ टैक्स की दरें धीरे-धीरे बढ़ती जाएंगी और 24 लाख रुपये से अधिक इनकम पर यह 30 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.

टैक्स फाइलिंग में त्रुटियों को सुधारने का मौका
टेक्सपेयर्स के पास अब अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए दो के बजाय चार साल का समय होगा. इससे लोगों को टैक्स फाइलिंग में त्रुटियों या चूक को लंबे समय तक सुधारने का मौका मिलेगा. माता-पिता के लिए एक नया टैक्स-बचत विकल्प पेश किया गया है, जो लोग अपने बच्चे के एनपीएस अकाउंट में योगदान करते हैं, वे ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं.

सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स छूट में इजाफा
केंद्र की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बजट में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया है. इससे नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री हो जाएगी.

बैंक डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज पर TDS कटौती की सीमा को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. यानी अब बैंक जमा पर मिली 50 हजार रुपये तक की राशि पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा.

इतना ही 1 अप्रैल से नियोक्ताओं की ओर से दिए जाने वाले लाभ और भत्ते अब टैक्सेबल फैसिलिटीज के रूप में क्लासिफाई नहीं किए जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई नियोक्ता किसी कर्मचारी या उसके परिवार के लिए विदेश में मेडिकल ट्रीटमेंट की लागत को वहन करता है, तो इस खर्चे को टैक्सेबल बेनेफिट नहीं माना जाएगा.

income tax

Read more

Local News